धनबाद (DHANBAD) : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने धनबाद के बहाने पार्टी की जड़ में मट्ठा डालने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. धनबाद जिला कमेटी को लेकर यह संदेश सभी जिलों को देने की कोशिश की गई है, कि मिल बैठकर पार्टी चलाइए. विवाद करिएगा तो दरकिनार कर दिए जाइएगा. ऐसा ही धनबाद में हुआ है. धनबाद झारखंड मुक्ति मोर्चा की जन्मस्थली है और पिछले 3 सालों से यहां जिला कमेटी में विवाद चल रहा था. दो समानांतर कमेटियां काम कर रही थी. एक कमेटी पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू की थी तो दूसरी कमेटी पूर्व सचिव पवन महतो ने घोषित कर रखी थी. दोनों कमेटियां 3 साल से काम कर रही थी. केंद्रीय समिति के नेता विनोद पांडे ने धनबाद के 10 प्रखंड की कमेटी घोषित कर दी है. कमेटी में पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश टुडू और पूर्व सचिव पवन महतो के समर्थकों को जगह नहीं दी गई है. विवाद जब अधिक बढ़ गया तो केंद्रीय नेतृत्व ने धनबाद के लिए एक संयोजक मंडली का गठन किया. सभी प्रखंडों में जाकर यह कमेटी पदाधिकारियों के नाम तय करने की कोशिश की लेकिन हर जगह विवाद हो गया .स्थानीय नेता अपनी ताकत दिखाने के लिए जुलूस, प्रदर्शन करने लगे. संभवत किसी भी प्रखंड में संयोजक मंडली को सर्वसम्मति से एक नाम नहीं मिला तो दो तीन नामों को लेकर मंडली के लोग वापस लौट गए.
समर्थकों को किया गया दरकिनार
गुरुवार को जब 10 प्रखंडों की कमेटी घोषित हुई तो इसमें रमेश टुडू और पवन महतो के समर्थकों को दरकिनार कर दिया गया है. कमेटी घोषित होने के पहले और उसके बाद तक धनबाद के झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता रांची में डटे रहे, अपने-अपने लोगों के नाम समिति में शामिल कराने की कोशिश करते रहे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. सबसे अधिक बाघमारा के रतीलाल टुडू को प्रखंड अध्यक्ष बनाने के लिए कोशिश की गई लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली. पार्टी के इस निर्णय का दूरगामी असर पड़ेगा. प्रखंड के बाद जिला कमेटी के नामों की भी घोषणा होगी. ऐसा लगता है कि इस बार नई जिला कमेटी में नए चेहरों को जगह मिलेगी और विवाद करने वाले दूध की मक्खी की तरह निकालकर बाहर कर दिए जाएंगे.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद