धनबाद(DHANBAD): अगर यह कहा जाए कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में विधायक कल्पना सोरेन पूरी तरह से छा गई है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन सबसे चर्चित चेहरा बन गई है. विधानसभा चुनाव के पहले वह स्टार प्रचारक थी. इसका फलाफल भी पार्टी को मिला. लेकिन अब वह पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति की हिस्सेदार बन गई है. 4 फरवरी को धनबाद में आयोजित होने वाले स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहली बार कल्पना सोरेन मौजूद रहेंगी. यह अलग बात है कि स्वास्थ्य कारणों से शिबू सोरेन इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रह सकते है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रहेंगे,मंत्री रहेंगे. विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड बहुमत से उत्साहित झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद में अपना 53वां स्थापना दिवस समारोह उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है.
कार्यक्रम 4 फरवरी को धनबाद के गोल्फ मैदान में होगा
यह कार्यक्रम 4 फरवरी को धनबाद के गोल्फ मैदान में होगा. वैसे तो पहले यह कार्यक्रम देर रात को शुरू होता था और सुबह तक चलता था. लोग तब तक जमे रहते थे, जब तक शिबू सोरेन का भाषण नहीं खत्म हो जाता. लेकिन इस बार स्वास्थ्य कारणों से शिबू सोरेन मौजूद नहीं रहेंगे. कोरोना काल के बाद से ही पार्टी ने कार्यक्रम को रात की जगह दिन में कर दिया है. 2024 में यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे शुरू होगा और शाम 7 बजे समाप्त कर दिया जाएगा. पहले रात 8 बजे से शुरू होकर कार्यक्रम सुबह तक चलता था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावे पार्टी के सभी मंत्री पहुंच सकते है. कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गई है. एक अनुमान के अनुसार हजारों हजार लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे. बता दें कि 4 फरवरी 1973 को धनबाद के गोल्फ मैदान में शिबू सोरेन ,विनोद बिहारी महतो और एके राय ने मिलकर झामुमो की स्थापना की थी. वैचारिक मतभेद की वजह से एके ने अपनी राह अलग कर ली. स्थापना के बाद से ही प्रत्येक वर्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद में अपना स्थापना दिवस समारोह मनाता आ रहा है.
झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं का नारा देकर चर्चा में आई
बता दे कि झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं. यह नारा देकर कल्पना सोरेन चर्चा में आई थी. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर कल्पना सोरेन ने मुंबई में इस नारे की जोरदार ढंग से वकालत की थी. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद और लोकसभा चुनाव के बीच कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में एंट्री हुई. . इस एंट्री को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते रहे. झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन परिस्थिति बस ही आई जरूर , लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने लोगों का भरोसा जितने में बहुत वक्त नहीं लिया. यह अलग बात है कि हेमंत सोरेन को पहले से ही लग रहा था कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. इसलिए 31 दिसंबर 2023 को गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद को इस्तीफा दिलवाया गया. यह इस्तीफा उन्हें इस शर्त पर शायद दिलाया गया कि उन्हें राज्यसभा भेज दिया जाएगा और राज्यसभा भेजा भी गया.उसके बाद तो कल्पना सोरेन आगे बढ़ती जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो