धनबाद(DHANBAD) : संगठन और सरकार में झामुमो को अब अपनी ताकत दिखाने और बढ़ाने का समय है. दूसरे प्रदेशो में भी पांव पसारने का यह अच्छा मौका है. इस वजह से धनबाद और दुमका में स्थापना दिवस मनाने की विशेष तैयारी चल रही है. धनबाद में 4 फरवरी को झामुमो के स्थापना दिवस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन मौजूद रहेंगे. जिला समिति को इसका कंफर्मेशन मिल गया है. झारखंड में मिले प्रचंड बहुमत के बाद इस बार कार्यक्रम बड़े आकार में मनाने की तैयारी चल रही है. कार्यकर्ता से लेकर नेता तक उत्साहित है. धनबाद ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की जन्मस्थली है. धनबाद में ही शिबू सोरेन, विनोद बाबू और एके राय ने मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया था. यह अलग बात है कि समय के साथ बदलाव होता गया. सबकी राह बदलती गई . एके राय और विनोद बाबू तो अब इस दुनिया में नहीं है. शिबू सोरेन बूढ़े हो चले है. उनकी तबीयत साथ नहीं दे रही है. इस वजह से वह कार्यक्रम में मौजूद नहीं रह सकते है.
यह कार्यक्रम 4 फरवरी को धनबाद के गोल्फ मैदान में होगा
यह कार्यक्रम 4 फरवरी को धनबाद के गोल्फ मैदान में होगा. वैसे तो पहले यह कार्यक्रम देर रात को शुरू होता था और सुबह तक चलता था. लोग तब तक जमे रहते थे, जब तक शिबू सोरेन का भाषण नहीं खत्म हो जाता. लेकिन इस बार स्वास्थ्य कारणों से शिबू सोरेन मौजूद नहीं रहेंगे. कोरोना काल के बाद से ही पार्टी ने कार्यक्रम को रात की जगह दिन में कर दिया है. 2025 में यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे शुरू होगा और शाम 7 बजे समाप्त कर दिया जाएगा. पहले रात 8 बजे से शुरू होकर कार्यक्रम सुबह तक चलता था. कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी गई है. एक अनुमान के अनुसार हजारों हजार लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे. बता दें कि 4 फरवरी 1973 को धनबाद के गोल्फ मैदान में शिबू सोरेन ,विनोद बिहारी महतो और एके राय ने मिलकर झामुमो की स्थापना की थी. वैचारिक मतभेद की वजह से एके ने अपनी राह अलग कर ली. स्थापना के बाद से ही प्रत्येक वर्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद में अपना स्थापना दिवस समारोह मनाता आ रहा है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो को मिली है प्रचंड सफलता
बता दें कि तमाम विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए हेमंत सोरेन ने गठबंधन साथियों के साथ विजय पताका फहराया है. सिर्फ विजय पताका ही नहीं फहराया है, भाजपा को मात्र 21 सीट पर सिमटना पड़ा है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए अगल-बगल के राज्यों में पैर फैलाने का यह सही मौका है और इसका फायदा झारखंड मुक्ति मोर्चा उठाना चाहता है. इसके प्रयास भी शुरू कर दिए गए है. 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है. इस बार बिहार में सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे बढ़ चुका है. सीटें चिन्हित कर ली गई है. अब समय और मौके पर उन सीटों का खुलासा झामुमो कर सकता है. झारखण्ड के 2024 के विधानसभा चुनाव में झामुमो की मिली सफलता से पार्टी उत्साहित है. वह पहली बार झारखंड में सर्वाधिक सीटों पर चुनाव जीता है. 2024 के विधानसभा चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो