धनबाद(DHANBAD) : अवसर चाहे जितना भी खुशी का हो लेकिन अगर मन में गांठ हो तो यह किसी न किसी रूप में दिख ही जाता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा की धनबाद जिला कमेटी में शुक्रवार को ऐसा ही कुछ दिखा. 1932 खतियान आधारित स्थानीयता बिल झारखण्ड विधानसभा से पारित होने पर धनबाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जश्न मनाया. लेकिन, यह जश्न अलग-अलग गुटों में मनाया गया. जिला अध्यक्ष रमेश टुडू और सचिव पवन महतो गुट ने अलग-अलग कार्यक्रम किया. कार्यक्रम स्थल दोनों का एक ही था. रणधीर वर्मा चौक पर ही दोनों कार्यक्रम हुए. दोनों गुटों में अलग-अलग कार्यकर्ता थे और पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. नेताओं ने कहा कि झारखंडियों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार हमेशा संवेदनशील रही है और आगे भी रहेगी. सरकार में आने के पूर्व जो वादे किए गए हैं. उन्हें निभाकर ही महागठबंधन की सरकार रहेगी.
जिला कमेटी में 2019 से ही चल रहा विवाद
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी में 2019 से ही विवाद चल रहा है. धनबाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा की दो कमेटियां काम कर रही है. रमेश टुडू धनबाद जिला अध्यक्ष है और पवन महतो सचिव, लेकिन दोनों ने अलग-अलग कमेटियां गठित की है. धनबाद जिले का विवाद रांची भी गया था. रांची में केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों पक्षों की बात सुनी, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. बताया गया कि धनबाद जिला कमेटी का विवाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सुलझाएंगे, झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला कमेटी का विवाद विधानसभा चुनाव से ही शुरू हो गया था. रमेश टुडू ने टुंडी विधानसभा पर दावा ठोक दिया था. जबकि यहां से झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता मथुरा महतो उम्मीदवारी की रेस में थे. अंत में टिकट तो मथुरा बाबू को ही मिला और वह विजयी रहे. पवन महतो मथुरा महतो के संबंधी भी बताए जाते हैं. यहीं से गांठ पड़नी शुरू हुई और धीरे-धीरे खुलने के बजाय और मजबूत होती गई.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद