टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- झारखंड के वजूद में आए दो दशक से ज्यादा गुजर गए हैं, और अब ये 24वें साल में कदम रख दिया है. लगातार आगे बढ़ रही झारखंड की अर्थव्यवस्था विकासशील है और 6.9 फीसदी के विकास दर से आगे आगे बढ़ रही है. कोरोना के बाद जो संकट देश-दुनिया ने झेला उसका असर जल,जंगल, जमीन के प्रदेश झारखंड में भी देखने को मिला. हालांकि, हौसले,लगन और मेहनत की बदौलत इस बाधा को भी पार कर लिया गया. आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर दौड़ने लगी है. कृषि, उद्योग, सर्विस सेक्टर, ट्रांसपोर्ट और कंस्ट्रक्शन,पर्यटन में भी आपार संभावनाए देखी जा रही है. विकास दर भी सात फीसदी के पार जाने का अनुमान जताया जा रहा है.
कृषि
मॉनसून की आंख मिचौली के चलते कृषि पर असर देखा गया है. सूखे की मार के चलते भी काफी परेशानी किसानों को झेलनी पड़ी है. मुख्य फसल धान की रोपनी भी इस साल देर से देखने को मिली. इन विषम हालात के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी फर्क पड़ता रहा है. इन तमाम विपरित परिस्थितियों के बीच भी चार से पांच फीसदी के ग्रोथ रेट की संभावना जताई जा रही है.
इंडस्ट्री
कोरना के बाद उद्योग धंधों की रफ्तार कम पड़ गई थी, छोटे-छोटे उदयोग बंद हो गये थे या फिर खराब हालत में थे. हालांकि, समय के साथ इसमे भी रफ्तार भरी और अभी जबर्दस्त उछाल देखने को मिल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि उद्योग ओर तेजी से आगे बढ़ेगा. इसकी वजह एमएसएन की पॉलिसी मानी जा रही है. इसके साथ ही सर्विस सेक्टर में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है औऱ इसका ग्रोथ भी आठ फीसदी हो सकता है. ट्रांसपोर्ट औऱ कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में भी काफी अच्छी संभावनाएं नजर आ रही है.
कर्ज लोटा रही राज्य सरकार
राज्य सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए महंगे ब्जाय दर वाली कर्ज की वापसी कर रही है. इसका फायदा सरकार को मिलेगा, क्योंकि इसके पीछे वजह ये है कि केन्द्र सरकार ने एलान किया है कि सभी राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज कर्ज दिए जायेंगे. इस घोषणा के बाद झारखंड सरकार ने जो महंगे ब्याज दर वाले कर्ज को लौटाना शुरु कर दिया है. इनमे रुलर इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को 136 करोड़ रुपए लौटा दिए गए. दरअसल, जो कर्ज राज्य सरकार ने उठाया था उसमे वो 13 फीसदी की ब्याज दर से कर्ज चुका रही थी.
सालाना 7400 करोड़ का ब्याज
मौजूदा वक्त में राज्य सरकार पर 96406 करोड़ रुपए का कर्ज है. जिसके बदले सालाना 7400 करोड़ रुपए का ब्याज चुका रही है. इतनी भारी भरकम वाले कर्ज को चुकता कर राज्य सरकार को काफी बचत होगी. आने वाले वक्त में प्रदेश सरकार के पास सिर्फ वही कर्ज रह जायेगा. जिसकी ब्याज दर 6 से 7 फीसदी के बीच रहेगी.
प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी
झारखंड में बेरोजगारी एक बढ़ी समस्या बनकर आय़ी है. लेकिन, बढ़ते विकास दर के साथ ही इस पर भी लगाम लगी है. अगर राज्य के प्रति व्यक्ति की आय 2011012 के आधार वर्ष को मानकर चले तो उस दौर दौरान 41 हजार रुपए सालान आय थी, जो आज वर्तमान समय में एक लाख रुपए है.
खनिज संपदाओं से भरपूर झरखंड में विकास की काफी संभावनाएं है. इसकी वजह ये है कि राज्य में कृषि, उद्योग, पर्यटन, कंस्ट्रक्शन , सर्विस सेक्टर और ट्रांसपोर्ट में काफी ग्रोथ नजर आती है.