टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-मौसम औऱ मॉनसून की आंख मिचौली लगातार जारी है. आठ अगस्त तक प्रदेश में जमकर पानी बरसा. जिसके चलते खासकर किसानों ने राहत की सांस ली. धान रोपने के लिए पानी खेतों में मिल गया. राज्य में तकरबीन 70 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है. हालांकि, आठ अगस्त के बाद से मानसून रह-रह कर ही एक्टिव हो रहा है. जिसके चलते कभी आसमान में खिली धूप दिख रही है, तो कभी काले बादल दिखाई पड़ रहे हैं. मौसम की लुका-छिपी का खेल लगातार जारी है.
15 अगस्त को बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केन्द्र रांची की माने तो उत्तरी बंगला में बने चक्रवात का असर झारखंड में भी दिखेगा. इसके चलते रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में बारिश होगी. मौसम विज्ञान केन्द्र के पूर्वनुमान का असर भी दिखा था . रविवार को बारिश हुई थी औऱ अभी भी आसमान में काले बादल छाये हुए हैं. बताया जा रहा है कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का असर झारखंड में पड़ेगा. बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का असर झारखंड मं सोमवार से ज्यादा दिखेगा. 14 अगस्त से ही कई जगहों पर बारिश और वज्रपात की संभावना जतायी गई है. 15 अगस्त को पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसांवा, रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, तथा रामगढ़ के कुछ जगहों पर भारी बारिश का पूर्वअनुमान लगाया गया है.इसके अलावा 16 और 17 अगस्त को झारखंड के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में कहीं- कहीं भारी बारिश की संभावना जतायी गयी है.
उम्मीदों के मुताबिक नहीं हुई बारिश
जितनी बारिश की उम्मीद लोग लगा रहे थे, उतना अभी तक प्रदेश में पानी नहीं बरसा है. किसानों की आंखों में निराशा छा गयी थी, हालांकि, बीच में पानी बरसने से उनकी आंखों में उम्मीद जागी, जिसके चलते वे धान की रोपनी कर सके. इससे पहले जून-जुलाई महीने में मानसून के रुठने से खेतों में दरारे पड़ गई. अन्नदाता के चेहरे मुरझा गये थे. आगे किसानों को आशा है कि जोरदार बारिश होगी और उनकी फसलों को पानी मिलेगा.
अभी तक 37 मिमी कम बारिश
राज्य में बारिश थम-थम हो रही है. लेकन, बरसात में जितना पानी बरसान चाहिए था , उतना नहीं बरसा है. अभी तक राज्य में सामान्य से 37 मिमी कम बारिश हुई है. अभी तक के आंकड़ों की माने तो 1 जून से अब तक सामान्य वर्षापात 627.6 मिमी वर्षा होती है लेकिन इससे कम 395 मिमी वर्षा ही हुई है. जाहिर है जितना पानी बरसना था. उतना नही बरस सका है.