रांची(RANCHI): ट्रैफिक पुलिस को चालान काटते वक्त आपने अक्सर एक दृश्य देखा होगा, कुछ लोगों को चालान काटे जाने की स्थिति सामने आते ही अपनी पहुंच की याद आ जाती है, अपना ना सही कोई बात नहीं, दूर के अंकल की खोज की जाती है, पापा पुलिस में हैं, भाई दारोगा है और कुछ नहीं तो क्या आप जानते नहीं हम एक नामचीन अखबार या चैनल से जुड़े हैं.
यह विशेष घटना नहीं शहर का आम दृश्य है
यह कोई विशेष परिधटना नहीं है, शहर की पुलिस को रोज इस तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है. पहुंच और पैरवी की घूंट सुननी पड़ती है. लेकिन राज्य की सरकार ने इसकी भी तोड़ निकालने का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण की नीति पर काम कर रही, कई उपकरणों की खरीद की जानी है.
पुलिस विभाग को अपडेट करने की चल रही है तैयारी
पुलिस विभाग से जुड़ों सूत्रों का कहना है कि फिलहाल ट्रैफिक पुलिस जिस ब्रेथ एनालाइजर मशीन का इस्तेमाल करती है, उसे अपडेट करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए 417 नयी ब्रेथ एनालाइजर मशीन की खरीद की योजना बनायी गयी है. इस नयी ब्रेथ एनालाइजर मशीन से इस बात की रिपोर्ट तुरंत मिल जायेगी कि चालक ने कितनी शराब पी है.
पुलिसकर्मियों के वर्दी में लगे होंगे कैमरे
लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि पुलिस विभाग ने 190 खुफिया कैमरों की खरीद की भी अनुमति प्रदान कर दी है. यह 190 खुफिया कैमरों पुलिसकर्मियों के वर्दी में लगे होंगे. यही कैमरा आपकी पूरी हरकत को रिकार्ड करेगा, आपकी पैरवी और पहुंच की धमकी भी इसमें कैद हो जायेगी और यह रिकार्डिंग अदालत में आपकी मुश्किल बढ़ा सकती है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार, रांची