धनबाद(DHANBAD):उत्तरी छोटा नागपुर के दो सांसदों की झारखंड विधानसभा चुनाव कड़ी परीक्षा लगी. खुद तो वह सांसद बन गए लेकिन "अपनों" को जिताने का उनके सामने फिर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो पर अपने भाई को जिताने का दबाव रहेगा तो बगल के जिले गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर भाई और पत्नी को चुनावी जीत दिलाने की चुनौती रहेगी. सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई रोशन लाल चौधरी बड़का गांव से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. तो उनकी पत्नी सुनीता चौधरी रामगढ़ से फिर आजसू की उम्मीदवार बनी है.
ढुल्लू महतो पर बाघमारा सीट से अपने भाई शत्रुघ्न महतो को जीत दिलाने की चुनौती रहेगी
इसी तरह धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो पर बाघमारा सीट से अपने भाई शत्रुघ्न महतो को जीत दिलाने की चुनौती रहेगी. निश्चित रूप से दोनों सांसद इसके लिए पुरजोर प्रयास करेंगे. ढुल्लू महतो के सांसद बन जाने के बाद बाघमारा सीट पर भाजपा को नए उम्मीदवार की तलाश थी. लेकिन भाजपा ने उनके भाई शत्रुघ्न महतो पर भरोसा जताया और टिकट का ऐलान कर दिया. यह अलग बात है कि बाघमारा में और लोगों के नाम थे, लेकिन अंतिम मुहर शत्रुघ्न महतो पर ही लगी. बाघमारा में भाजपा के प्रतिद्वंद्वी प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो रहते आए हैं. इस बार कांग्रेस बाघमारा से उन्हें टिकट देगी ,ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. अगर ऐसा हुआ तो बाघमारा में लड़ाई दिलचस्प होगी. क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में ढुल्लू महतो 1000 से कम वोटो से विधायक का चुनाव जीते थे.
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के सामने है ये चुनौती
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई रोशन लाल चौधरी को भाजपा ने टिकट घोषणा के कुछ घंटे पहले पार्टी में शामिल कराया और फिर बड़का गांव से उम्मीदवार घोषित कर दिया. उनकी पत्नी सुनीता चौधरी रामगढ़ से फिर आजसू की प्रत्याशी बनी है. बाघमारा से ढुल्लू महतो तीन बार विधायक चुने गए है.2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें धनबाद लोकसभा से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गए. वैसे झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा के बाद विरोध के स्वर भी तेज हुए हैं. इंडिया ब्लॉक में तो अभी उम्मीदवारों की घोषणा में कई पेंच फंसे हुए हैं. इधर एक रोचक बात सामने आई है कि कांग्रेस ने अपने पार्टी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है ,लेकिन झारखंड के मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने घोषणा कर दी है कि 24 अक्टूबर को वह जामताड़ा में नामांकन करेंगे .तो क्या यह माना जाए कि कांग्रेस में यह बात पक्की कर ली गई है कि किन सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा. अगर ऐसी बात नहीं होती तो डॉक्टर इरफान अंसारी 24 को नामांकन करने की घोषणा नहीं करते.
जामताड़ा से भाजपा ने सीता सोरेन को मैदान में उतारा है
जामताड़ा से भाजपा ने सीता सोरेन को मैदान में उतारा है. सीता सोरेन भी लोकसभा चुनाव के पहले झामुमो छोड़कर भाजपा में गई थी. और दुमका से लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई लेकिन वहां हार गई. 2024 के विधानसभा चुनाव में नाला के बजाय उन्हें जामताड़ा से उम्मीदवार बनाया गया है. जामताड़ा में अब डॉक्टर इरफान अंसारी और सीता सोरेन चुनावी दंगल में आमने-सामने होंगे. इस सीट पर सबकी नजर बनी रहेगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो