दुमका(DUMKA): दो चरणों में झारखंड विधानसभा चुनाव होना है.दूसरे चरण में 20 नवंबर को संथाल परगना प्रमंडल के सभी 18 सीटों पर मतदान होना है, जिसको लेकर नामांकन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. शनिवार और रविवार को नामांकन का कार्य बंद रहेगा. उसके बाद देखें तो नामांकन के लिए मात्र सोमवार और मंगलवार का ही दिन निर्धारित है.
जीत की हैट्रिक लगाने के लिए बरहेट सीट से झामुमो प्रत्याशी के रूप में हेमंत सोरेन ने किया नामांकन
एक तरफ नामांकन का समय बीतता जा रहा है वहीं दूसरी ओर संथाल परगना प्रमंडल के सबसे हॉट सीट कहे जाने वाले बरहेट सीट पर सीएम हेमंत सोरेन के सामने चुनावी समर में भाजपा का पहलवान कौन? यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. सीएम हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से नामांकन कर दिया है और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं. नामांकन के बाद आयोजित जनसभा में उमड़ी भीड़ देखने के बाद शायद बीजेपी को अपना प्रत्याशी घोषित करने में और ज्यादा सोचना पड़ रहा है, वैसे भी हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में बरहेट विधानसभा सीट पर झामुमो प्रत्याशी के रूप में विजय हांसदा ने लगभग 24000 से ज्यादा मतों की बढ़त लेकर अपनी जीत सुनिश्चित कर ली थी.
1990 से 2019 तक बरहेट सीट पर झामुमो का कब्जा, बदलते रहे चेहरे
बरहेट विधानसभा सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है. वर्ष 1990 से अब तक इस सीट पर झामुमो का कब्जा बरकरार है. इस बीच चेहरा भले ही बदलते रहा लेकिन जीत तीर धनुष चुनाव चिन्ह का ही सुनिश्चित हुआ. 1990, 1995 और 2000 के चुनाव में झामुमो प्रत्याशी के रूप में हेमलाल मुर्मू ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई तो वर्ष 2005 में थॉमस सोरेन ने तीर धनुष चुनाव चिन्ह पर जीत का परचम लहराया. 2009 के चुनाव में एक बार फिर पार्टी ने हेमलाल मुर्मू को मौका दिया. पार्टी के निर्णय को हेमलाल मुर्मू ने सच साबित कर दिखाया और उनकी जीत हुई,लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के पूर्व हेमलाल मुर्मू झामुमो छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. 2014 और 2019 के चुनाव में इस सीट पर हेमंत सोरेन की जीत हुई. अब जीत की हैट्रिक लगाने के लिए हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा सीट से नामांकन कर दिया है.
कई प्रयोग के बाबजूद इस सीतबपर अब तक नहीं खिल पाया कमल
बरहेट विधानसभा सीट से कमल खिले इसको लेकर भाजपा द्वारा कई प्रयोग किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली.वर्ष 2005 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में सिमोन माल्टो इस सीट से खड़े हुए लेकिन सफलता नहीं मिली.वर्ष 2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन के सामने बीजेपी ने इस क्षेत्र से झामुमो के टिकट पर चार बार प्रतिनिधित्व करने वाले हेमलाल मुर्मू को प्रत्याशी बनाया, लेकिन प्रयोग सफल नहीं हुआ.झामुमो प्रत्याशी के रूप में इस सीट से पहली बार चुनाव में उतरे हेमंत सोरेन को 62,515 तो बीजेपी प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू को 38,428 मत मिले. 2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन को 73,725 तो बीजेपी प्रत्याशी को 47,985 मत मिले.
दुमका सीट से टिकट कटने पर लुईस मरांडी को बरहेट सीट का मिला था ऑफर! बीजेपी छोड़ थामा झामुमो का दामन
इस बार के चुनाव में झामुमो प्रत्याशी के रूप में हेमंत सोरेन ने नामांकन कर दिया है. लेकिन बीजेपी द्वारा अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गयी है. राजनीति के जानकार बताते हैं कि दुमका विधानसभा सीट से लुईस मरांडी का टिकट काटने के बाद बीजेपी ने उन्हें हेमंत सोरेन के खिलाफ बरहेट सीट से चुनाव लड़ने का आफर दिया. तर्क दिया गया कि हेमंत सोरेन के सीएम रहते 2014 के चुनाव में दुमका सीट से लुईस मरांडी ने उन्हें पराजित किया था. लेकिन लुईस मरांडी ने हेमंत के खिलाफ बरहेट से चुनाव लड़ने के बजाय बीजेपी से त्यागपत्र देकर झामुमो का दामन थाम लिया. अब बीजेपी बरहेट सीट से किसे प्रत्याशी बना कर मैदान में उतारती है यह देखना दिलचस्प है.
रिपोर्ट-पंचम झा