धनबाद(DHANBAD): 15 अगस्त के बाद झारखंड में चुनाव की तैयारी की रफ्तार तेज हो जाएगी. इसमें कोई दल किसी से पीछे नहीं रहेगा. भाजपा के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी का दौरा बढ़ने लगेगा, तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बारे में भी फैसला हो जाएगा.
भाजपा जल्द ही कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करेगी
इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा भी तैयारी तेज करेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि भाजपा को कल चुनाव करना हो, तो आज ही करा ले. इस बार असलियत का पता चल जाएगा. जो भी हो लेकिन भाजपा इस बार झारखंड को लेकर पूरी तरह से सीरियस है. सूत्रों पर भरोसा करें तो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर भाजपा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है .यह घोषणा इसी महीने के अंत में हो जाए ,तो कोई आश्चर्य नहीं. सूत्र यह बताते हैं कि भाजपा के टारगेट में 28 आरक्षित आदिवासी सीट और 9 एससी सीट है. इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है. आदिवासी आरक्षित सीटों में फिलहाल भाजपा के पास केवल दो सीट है. इस बार भाजपा 28 में से आधी से अधिक सीटों पर जीत के लिए काम कर रही है .झारखंड की यही आदिवासी 28 सीट हैं, जो तय करती हैं कि झारखंड में सरकार किसकी बनेगी.
क्या बदले जाएंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ही रहेंगे या बदलेंगे, इस पर भी मंथन चल रहा है. दिल्ली में इसके लिए विचार विमर्श चल रहा है. जानकारी निकल कर आ रही है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने प्रदेश के 20 चुनिंदा नेताओं को दिल्ली बुलाया था. पार्टी के नेताओं से वह एक-एक कर मुलाकात की. केंद्रीय महासचिव से मिलने वाले कुछ ऐसे नेता भी थे, जो खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की दावेदार हैं. कांग्रेस के नेता प्रदेश में आदिवासी चेहरा देने की भी मांग कर रहे हैं तो कोई ओबीसी कार्ड खेलने का सुझाव दे रहा है.
झारखंड में किसकी बनेगी सरकार
इधर, गुरुवार को जमशेदपुर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो कल चुनाव करा ले, परसों यह लोग साफ हो जाएंगे. राजनीति से इनका नामोनिशान मिट जाएगा. साथ ही यह भी कहा कि झारखंड के गरीब ,गुराबो को मजबूत करने के लिए उनकी सरकार दिन-रात काम कर रही है. राज्य में अगली सरकार भी उनके गठबंधन की बनेगी. उन्होंने तय किया है कि अगली बार सरकार बनने के बाद राज्य के हर घर तक एक-एक लाख रुपये पहुंचाएंगे. इसके लिए उन्होंने फार्मूला भी तय कर लिया है .जो भी हो लेकिन झारखंड में राजनीतिक दलों का हर कदम चुनाव की ओर हो गया है. देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन की सरकार फिर से काबिज होती है या झारखंड में एनडीए की सरकार बनती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो