धनबाद(DHANBAD): झारखंड के लोकसभा चुनाव परिणाम में कुछ संदेश है, तो कुछ विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी का सुझाव भी है. अब जो दल जितना समझ पाएंगे , उसके अनुसार काम करेंगे. गिरिडीह के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन रिकार्ड मतों से जीत गई है. इसका भी जरूर कोई माने -मतलब होगा. हालांकि अभी यह पर्दे में छुपा हुआ है ,लेकिन समय आने पर सामने आ सकता है. गौर करने वाली बात होगी कि लोहरदगा और राजमहल से बागी झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. अब तो उन बागी विधायकों के राजनीतिक अस्तित्व पर ही बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोहरदगा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले विधायक चमरा लिंडा को सिर्फ निलंबित किया है, तो विधायक लोबिन हेंब्रम को निलंबन के साथ-साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया है. लोबिन हेंब्रम बागी बनकर राजमहल सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था.
सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा चमरा लिंडा को तो पार्टी में वापस ले सकता है, लेकिन लोबिन हेंब्रम को पार्टी में वापस आने में कई कील - कांटे है. एक तरह से यह मान लेना चाहिए कि लोबिन हेंब्रम को अब किसी दूसरे दल में ही ठौर मिल सकता है. वैसे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो विधायक अपग्रेड हुए है. दुमका से नलिन सोरेन चुनाव जीत गए हैं, तो सिंघभूम से जोबा मांझी विजय रही है. दुमका और सिंहभूम सीट पर भाजपा ने प्रयोग किया था. शिबू सोरेन के परिवार में सेंध लगाकर सीता सोरेन को दुमका से उम्मीदवार बनाया था. भाजपा को भरोसा था कि दुमका से सीता सोरेन जीत जाएंगी. लेकिन ऐसा हो नहीं सका और नलिन सोरेन वहां से सांसद बन गए. हालांकि इसके पहले भाजपा ने दुमका से सुनील सोरेन को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बाद में उनका नाम वापस लेकर सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया.
इसी तरह सिंघभूम में भी प्रयोग भाजपा ने किया. सिंघभूम की निवर्तमान सांसद गीता कोड़ा को कांग्रेस से पहले भाजपा के पाले में लाया गया, उसके बाद उन्हें सिंहभूम से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. भाजपा ने सिंघभूम में ताकत भी झोंकी लेकिन परिणाम पक्ष में नहीं गए. जोवा मांझी वहां से सांसद बन गई है. वैसे, तो कांग्रेस का हजारीबाग सीट का प्रयोग भी सफल नहीं रहा. जेपी भाई पटेल को कांग्रेस भाजपा से तोड़कर अपने पाले में किया और फिर हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया. लेकिन हजारीबाग से वह चुनाव हार गए और भाजपा की जीत हुई. मनीष जायसवाल वहां से भाजपा के सांसद बने है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो