रांची(RANCHI): झारखंड में चंपाई के बगावत के बाद अब चंपाई गुट के विधायक हेमंत के साथ खड़े हो गए है. पाला बदलने की चर्चा के बीच कोल्हान के चार विधायक हेमंत से मिलने रांची पहुँच गए. हेमंत और विधायकों की लंबी बैठक मुख्यमंत्री आवास में चली है. उधर चंपाई भी दिल्ली से कोल्हान पहुँच गए है. चंपाई को लेकर अभी भी चर्चा तेज है लेकिन चंपाई के साथ विधायकों के जाने की चर्चा पर फिलहाल कोल्हान के विधायक ने खुद विराम लगा दिया है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी, घाटशिला रामदास सोरेन, बहरागोड़ा समीर मोहंती और पोटका संजीव सरदार के साथ हेमंत ने लंबी बैठक कर मौजूदा हालात पर चर्चा की है. यह बैठक उस वक्त चल रही थी जब सभी के भाजपा में जाने की चर्चा तेज थी. आखिर हेमंत भी जानने की कोशिश कर रहे है कि यह धुआ कैसे और कहाँ से उठा है. क्या चंपाई सोरेन से विधायकों की बात या कोई बैठक हुई है. अगर बैठक हुई है तो फिर उस बैठक में क्या कुछ बात हुई थी.
हालांकि विधायक जब मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकले तो मौजूदा राजनीति पर चर्चा से इनकार कर दिया है. विधायक समीर मोहंती ने कहा कि बैठक में किसी तरह की कोई बात नहीं हुई है. वह अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने चंपाई सोरेन से संपर्क होने की बात से इनकार कर दिया है. समीर मोहंती ने कहा कि झामुमो में थे और मजबूती के साथ आगे भी खड़े रहेंगे. कहीं जाने का कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता है.चंपाई सोरेन कहा है और क्या कर रहे है यह सब जानकारी उनके पास नहीं है.
विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे. सीएम आवास से कोई बुलावा नहीं आया था.मीडिया में चल रही खबर गलत है. वह अपने क्षेत्र में काम कर रहे है. चंपाई सोरेन से कोई बात नहीं हुई है. वह कहाँ है और क्या कर रहे है. चंपाई सोरेन क्या करने वाले है और क्या नहीं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. कोई भी बात उनसे नहीं हुई है.
बता दे कि चंपाई सोरेन के दिल्ली जाते ही झामुमो में बड़ी टूट होने के आसार दिखने लगे थे. चर्चा शुरू हुई की चंपाई सोरेन के साथ कई विधायक भाजपा का दामन थाम सकते है. लेकिन इस बीच चंपाई सोरेन तीन दिन दिल्ली में रहे और वापस मंगलवार को अपने क्षेत्र लौट गए. अब जिन विधायकों की भाजपा में शामिल होने की खबर थी वह भी अब हेमंत के साथ खड़े हो गए है. लेकिन झारखंड में अभी झामुमो के लिए खतरा टला नहीं है. आगे कुछ भी संभव है.