रांची(RANCHI): झारखंड में कई नक्सलियों पर सरकार ने इनाम रखा है.साथ ही पुलिस को जानकारी देने वालों का नाम पता भी गुप्त रखा जाएगा.अगर झारखंड के चार नक्सलियों की जानकारी कोई पुलिस को देता है. तो एक झटके में करोड़पति बन जाएगा. सरकार खूब पैसा दे रही है, इसके लिए जगह जगह पोस्टर बैनर भी लगाए गए है. सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है.जिन नक्सलियों पर इनाम है उनका नाम मिसिर बेसरा,एनल दा,असीम मण्डल और प्रयाग मांझी है.सभी माओवादी के शीर्ष कमिटी में शामिल है.
मिसिर बेसरा माओवादियों का PBM(Polit Bureau Member) है
सबसे पहले मिसिर बेसरा की बात करते है. माओवादी में पॉलित ब्योरों सदस्य है. प्रशांत बॉस की गिरफ़्तारी के बाद इसे बड़ी जिम्मेवारी मिली है.जैसे ही इसका कद बढ़ा उसके बाद माओवादियों की हर रणनीति इसके इशारे पर ही तैयार की जाती है. बेसरा गिरिडीह जिला के सुदुर्वर्ती पीरटांड़ प्रखण्ड के मदनाडीह गांव का रहने वाला है. लेकिन फिलहाल में इसका ठिकाना कोल्हान बताया जाता है. घने जंगल से ही दशहत और आतंक फैलता है. पुलिस ने इसके आतंक को देख कर एक करोड़ का इनाम रखा है.
असीम मण्डल बंगाल सचिव से सेंट्रल कमिटी में शामिल
मिसिर बेसरा के बाद असीम मण्डल जो सेंट्रल कमिटी का सदस्य है. असीम मण्डल अपना नाम हमेशा बदलता रहता है. फिलहाल पुलिस को असीम के तीन नाम की जानकारी है. असीम मण्डल उर्फ आकाश और तिमिर है. मूल रूप से यह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. लंबे समय तक बंगाल कमिटी का सचिव रहा लेकिन बाद में इसे सेंट्रल कमिटी सदस्य बनाया गया.झारखंड पुलिस को हमेशा यह चकमा देता रहता है. अब तक पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है. अब पुलिस ने इसपर एक करोड़ के इनाम की घोषणा की है.जो भी इसकी जानकारी पुलिस को देगा उसे एक करोड़ का इनाम दिया जाएगा.
अनल दा जिसने पूर्व विधायक पर कर दिया था हमला
अनल दा का आतंक कोल्हान में कई बार देखने को मिला है. पूर्व विधायक गुरु चरण नायक पर 2022 में हमला किया था.अनल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ रमेश है. हमेशा अनल अपनी पहचान छुपाने के लिए नाम बदलता रहता है. जंगल में रहकर झारखंड पुलिस के नाक में दम कर रखा है.मूल रूप से ग्राम झरहाबाले थाना-पीरटांड जिला- गिरिडीह का रहने वाला है. लेकिन हाल में इसका पता कोल्हान का जंगल है.अब पुलिस इसे तलाशने में जुटी है. साथ ही लोगों से भी इसकी जानकारी ली जा रही है. सरकार ने इसपर नाम की राशि एक करोड़ रुपये रखा है.
प्रयाग मांझी पत्नी के साथ दस्ते में है शामिल
प्रयाग मांझी माओवादियों के शीर्ष नेताओं में शुमार है. इसका नाम प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा उर्फ लेतरा है. हर नए जहज एक नई पहचान के साथ जाता था. मूल रूप से गिरीडीह जिला का रहने वाला है. सिर्फ गिरीडीह में इसपर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज है. प्रयाग मांझी छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा और झारखंड में रह चुका है. प्रयाग की पत्नी जया को हाल ही में धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जया भी कुख्यात माओवादियों में शुमार है. सरकार ने इसपर भी 25 लाख का इनाम रखा है. वहीं प्रयाग मांझी पर एक करोड़ का इनाम है.