चाईबासा(CHAIBASA): नक्सलियों के खिलाफ झारखंड में सुरक्षा बालों का अभियान जारी है.इसी कड़ी में चाईबास जिले के जंगलों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है.लेकिन इस सर्च अभियान में लगे जवानों पर झारखंड जनाधिकार महासभा ने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन देकर बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा सर्च अभियान के दौरान आदिवासियों के साथ मारपीट और छेड़खानी की जा रही है. पत्र में बताया गया है कि पिछले महीने 11 को चिरियाबेड़ा गांव में सर्च अभियान के दौरान फिर से सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष आदिवासियों के साथ हिंसा की गयी.
बच्ची का रेप करने की कोशिश
झारखंड जनाधिकार महासभा ने बताया कि अभियान के दौरान गांव की कई महिलाओं समेत निर्दोष आदिवासियों की पिटाई की गयी. एक नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार के उद्देश्य से छेड़खानी किया गया. और घरों में रखे समानों को तहस-नहस किया गया. वृद्धा विधवा नोनी कुई जोजो के घर में सुरक्षा बल के जवान घुस घर के सामानों को बिखेर दिया गया. फिर घर के अन्दर उनकी नाबालिक बेटी शांति जोजो के हाथों को दो जवानों ने पकड़ा और तीसरा जवान गलत नियत से टच करने लगा. युवती को खींच कर झाड़ी की तरफ ले जाने का प्रयास किया गया.युवती किसी तरह जवानों के चंगुल से छोड़ा कर भागी.
2020 में भी इस गांव में सुरक्षाबलों पर आदिवासियों की पिटाई करने का आरोप लगा था
11 नवम्बर को कोबरा-209/205, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ की बटालियन व स्थानीय पुलिस का संयुक्त अभियान था. चिरियाबेड़ा, लोवाबेड़ा व हाथीबुरु में चलाए गए अभियान में जंगलों में लगे सीरीज में बम पाए गए थे. 15 जून 2020 को भी सुरक्षा बल जवानों ने सर्च अभियान के दौरान इसी गांव के आदिवासियों को डंडों, बैटन, राइफल के बट और बूटों से बेरहमी से पीटा था. मांग पत्र में दोषी सुरक्षाबलों के विरुद्ध कार्रवाई करने, नक्सल सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा ग्रामीणों को परेशान नहीं किए जाने और गांव में व्याप्त गरीबी तथा समस्याओं के समाधान की मांग की गई है.
महासभा प्रतिनिधिमंडल में जोहार, आदिवासी विमेंस नेटवर्क, आदिवासी यंगस्टर यूनिटी, झारखंड किसान परिषद समेत कई संगठन के प्रतिनिधियों में अम्बिका यादव, एलिना होरो, कमल पूर्ति, मिली होरो, नारायण कांडेयांग, रमेश जेराई, रेयांस समाद, सोनल, सिराज शामिल थे.
रिपोर्ट:संतोष वर्मा,चाईबास