धनबाद(DHANBAD): क्राइम का शहर धनबाद. पिछले 15 दिनों में 3 मर्डर, दो डकैती, 4 से अधिक स्नैचिंग और चोरी की कई वारदातें सामने आई है. फिर भी ग्रामीण और सिटी एसपी के पद अब तक खाली हैं. सिटी एसपी के जिम्मे धनबाद के 24 थाने और ओपी होते हैं. उसी तरह ग्रामीण एसपी के पास धनबाद के 32 थाने और ओपी की जवाबदेही होती है. इन दोनों अधिकारियों के पद रिक्त होने की वजह से पूरी जवाबदेही धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार पर आ गई है.
दो एसपी का प्रभार SSP के पास
2016 में धनबाद में आईपीएस के 3 पद सृजित किए गए थे. एसएसपी को पुलिस कप्तान बनाया गया था. उनके अलावा सिटी और ग्रामीण एसपी के पद सृजित किए गए. सिटी एसपी आर रामकुमार का अप्रैल 2022 में ट्रांसफर होने के बाद ग्रामीण एसपी रिश्मा रमेशन को अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. 15 दिन पहले उनका तबादला पलामू हो जाने पर दोनों एसपी का प्रभार एसएसपी के पास ही आ गया. अब क्राइम कंट्रोल के साथ-साथ दोनों एसपी के जिम्मे वाले सभी केसों की मॉनिटरिंग और निष्पादन की जिम्मेवारी भी एसएसपी के कंधे पर है. लिहाजा काम का बोझ अधिक होगा ही.
धनबाद जैसे जिले में अधिकारियों का पद खाली होना आश्चर्य की बात
दोनों एसपी के पद खाली होने से मुकदमों की मॉनिटरिंग, बड़े मामलों में डायरेक्शन, डीएसपी के अनुसंधान वाले मुकदमों की समीक्षा ,रिपोर्ट दो और तीन निकालने की जिम्मेवारी भी सिटी और ग्रामीण डीएसपी पर होती है. ऐसे में पद खाली होना धनबाद के लिए समस्या हो सकती है. वैसे भी धनबाद की पहचान पूरे देश में अपराध की नगरी के रूप में बन चुकी है. यहां माफिया हैं, छोटे-छोटे अपराधी हैं, बड़े-बड़े गैंग हैं, कोयले की अवैध कमाई है, बालू माफिया हैं ,पशु तस्कर हैं, नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह हैं, यह गिरोह हमेशा ताक में रहते हैं. जब भी पुलिस की कार्रवाई थोड़ी ढीली पड़ती है, सक्रिय हो जाते हैं. 15 दिन बीत गए लेकिन धनबाद जैसे जिले में अधिकारियों का पद खाली होना सबको आश्चर्य में डाले हुए है. वहीं तब जब झारखंड सरकार फिलहाल अपराध नियंत्रण पर फोकस किए हुए हैं. झारखंड एटीएस सक्रिय है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो