धनबाद(DHANBAD): झारखंड में चुनाव तिथि की घोषणा कभी भी हो सकती है. झारखंड सरकार को भी यह संकेत हैं और शायद इसलिए अमूमन शाम को होने वाली कैबिनेट की बैठक को आज दिन में ही किया जा रहा है. इस बैठक में कई घोषणाएं हो सकती है. कुछ बड़े निर्णय लिए जा सकते है. इस बार झारखंड की जनता की झोली में खुशियां ही खुशियां है. बसर्ते जो वादे किए जा रहे हैं, या जो राशि शुरू कर दी गई है, वह आगे भी जारी रहे. मईया सम्मान योजना तो महिलाओं को दिया जा रहा है. यह राशि भी बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है. इसके अलावा भाजपा ने गोगो दीदी योजना के तहत ₹2100 प्रतिमा देने का ऐलान किया है. ₹500 में गैस सिलेंडर भी देने का वादा किया है. बात इतनी ही नहीं, बीजेपी ने साल में पर्व के नाम पर दो सिलेंडर मुफ्त देने का भरोसा भी दिया है. युवाओं के लिए भी घोषणाएं की गई है.
झारखंड को सौगात देने में कोई किसी से पीछे नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वंदे भारत ट्रेन झारखंड के स्टेशनों से होकर गुजरने को हरी झंडी दिखा चुके है. साथ ही परिवर्तन यात्रा के समापन पर हजारीबाग से झारखंड को कई सौगात देने की घोषणा की. गया से लोकमान्य तिलक टर्मिनस के लिए नई ट्रेन शुरू की गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा है कि इस ट्रेन से न सिर्फ मुंबई बल्कि बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग , नासिक, नागपुर, राजधानी रांची, हटिया से यात्रा सुगम होगी. संजय सेठ ने दावा किया है कि रांची ही नहीं ,बल्कि झारखंड को रेल सेवा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार मिला है. झारखंड में अभी सभी दलों को आधी आबादी की चिंता सता रही है. बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांगों की सामाजिक सुरक्षा की बात की जा रही है. झारखंड सरकार की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने कंधों पर बड़ा भार लेकर चल रहे है. भाजपा भी जानती है कि हेमंत सोरेन जिस रफ्तार से चल रहे हैं, उनकी घेराबंदी नहीं हुई तो भाजपा को चुनाव में दिक्कतें हो सकती है.
सीएम हेमंत सोरेन को घेरने की हो रही चौतरफा कोशिश
शायद यही वजह है कि भाजपा के तमाम बड़े नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चौतरफा घेरने में लगे है. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कह रहे हैं कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है. युवाओं के साथ छल किया है. चुनाव के समय सम्मान राशि देकर महिलाओं को छला जा रहा है. वहीं प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी कर रहे हैं कि 2019 के चुनाव के समय हेमंत सोरेन ने जो भी वादे किये , वह सब झूठे साबित हुए. झारखंड के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हेमंत सोरेन को घेरने से बाज नहीं आ रहे है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सारमा तो झारखंड में आदिवासियों की घट रही संख्या का मामला जोर-शोर से उठा रहे है. एक समय के झारखंड मुक्ति मोर्चा के सहयोगी रहे चंपाई सोरेन भी इसमें पीछे नहीं रह रहे है. आरोप- प्रत्यारोप का दौर तो चल ही रहा है. लेकिन चुनाव घोषणा के पहले झारखंड में ऑफरों की बारिश हो रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो