धनबाद(DHANBAD): झारखंड में अगले 5 साल तक किसकी सरकार रहेगी, इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एक दिन बाद 20 नवंबर को वोटिंग है और 23 नवंबर को रिजल्ट सामने होगा. पहले चरण की 43 सीटों में मतदान के बाद अब दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इन सीटों में संथाल परगना और उत्तरी छोटा नागपुर की 36 सीटें शामिल हैं, तो वही दो सीट दक्षिण छोटा नागपुर की है. दक्षिण छोटा नागपुर की सीटों में खिजरी और सिल्ली शामिल है. 20 नवंबर को मतदान के लिए प्रचार का शोर थम गया है. लेकिन प्रथम चरण के मतदान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि दूसरे चरण में 38 सीटें ही झारखंड में सत्ता का द्वार खोलेंगी. इस वजह से संथाल में भी कड़ा संघर्ष है तो कोयलांचल में भी संघर्ष कम नहीं है. सभी दल अपना अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
संथाल में घुसपैठ का मुद्दा कर सकता है काम
चुनाव प्रचार खत्म होने के पहले तक सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी .स्टार प्रचारकों ने खूब पसीना बहाया. एक तरफ इंडिया गठबंधन ने मईया सम्मान योजना तो दूसरी ओर एनडीए गठबंधन ने गोगो दीदी योजना का प्रचार प्रसार किया. वहीं दोनों ओर से घुसपैठ पर वार के साथ पलटवार भी किए गए. बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को भाजपा ने पूरे झारखंड में उठाया . भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि संथाल के कम से कम 9 विधानसभा क्षेत्र में घुसपैठ का असर है और इन सीटों पर यह मुद्दा काम करेगा.वही झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्टार प्रचारकों ने घुसपैठ मुद्दे को लेकर भाजपा पर आरोप लगाया है कि वोटो के ध्रुवीकरण के लिए यह सब किया जा रहा है. दोनों दलों के अपने-अपने दावे हैं.
संथाल परगना में इंडिया ब्लॉक और एनडीए ने झोंकी पूरी ताकत
दूसरी ओर उत्तरी छोटा नागपुर में सामाजिक समीकरण को साधने का पूरा प्रयास किया गया. वही संथाल परगना में इंडिया ब्लॉक ने जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा की गारंटी देते हुए मतदाताओं को साधने की कोशिश की. तो दूसरी ओर एनडीए ने रोटी, बेटी और माटी की पुकार के सहारे चुनाव प्रचार किया .घुसपैठ को संथालियों की अस्मिता से जोड़ते हुए गठबंधन पर तुष्टिकरण का आरोप एनडीए ने लगाया. जानकारी के अनुसार प्रचार के अंतिम दिन एनडीए ने संथाल परगना और कोयलांचल में स्टार प्रचारको की फौज उतार दी थी. योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, चिराग पासवान, हिमांता विश्व शरमा, बाबूलाल मरांडी, डॉक्टर रविंद्र राय, अन्नपूर्णा देवी सहित अन्य स्टार प्रचारक सभा करने पहुंचे.
दूसरी तरफ महा गठबंधन की ओर से हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, बिंदा करात सहित अन्य ने अपनी अपनी पार्टी के लिए धुआंधार सभा की. प्रचार की अंतिम दिन प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी भी झारखंड पहुंचे और उन्होंने प्रेस को संबोधित किया. राहुल गांधी ने हेमंत सोरेन के डिमांड को दोहराते हुए झारखंड का बकाया 136 लाख करोड़ लौटने की बात कही.जो भी हो लेकिन अब यह माना जा रहा है कि जिस दल का माइक्रो मैनेजमेंट जितना अधिक होगा, उसे उतनी ही ज्यादा सफलता मिल सकती है. यही वजह है कि माइक्रो मैनेजमेंट के लिए सभी दल लग गए हैं. सब अपने-अपने ढंग से इसकी तैयारी कर रहे हैं.
राजनीतिक पंडित भी मान रहे हैं कि 43 सीटों पर पहले चरण के मतदान के बाद बची हुई 38 सीट ही सत्ता का द्वारा खोलेंगी. इस वजह से भी यहां प्रचार का ढंग और तरीका थोड़ा अलग रहा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो