धनबाद(DHANBAD): पुरोधा विनोद बिहारी महतो का सोमवार को 32 वी पुण्यतिथि झारखंड ने मनाया. आज ही के दिन 1991में उनका निधन हो गया था. जगह-जगह कार्यक्रम किए गए. उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहने वाले विनोद बाबू की झारखंड अलग राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका थी. वह कहा करते थे कि समाज के लिए कुछ करने के लिए तुम जितना अधिक शिक्षित बनोगे, समाज में तुम्हारी भूमिका उतनी ही सशक्त होगी. इसके लिए उन्होंने भरपूर प्रयास भी किये. 18 दिसंबर 1991 को विनोद बाबू का निधन हो गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन शिबू सोरेन, विनोद बिहारी महतो और ए के राय ने मिलकर धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में किया था.
कालांतर में ए के राय अलग हो गए. लेकिन शिबू सोरेन और विनोद बिहारी महतो साथ-साथ आंदोलन करते रहे. 23 सितंबर 1923 को जन्मे विनोद बिहारी का निधन 18 दिसंबर 1991 को हुआ. वह पेशे से एक वकील थे. 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. 1980, 85 और 90 में बिहार विधानसभा के सदस्य बने और 1991 में लोकसभा के सदस्य गिरिडीह से चुने गए. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी धनबाद में जगह-जगह कार्यक्रम किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. बलियापुर विनोद धाम सहित पूरे झारखंड में उनकी पुण्यतिथि मनाई गई. विनोद बाबू के विचारों को जन -जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया. "पढ़ो और लड़ो" का नारा देने वाले विनोद बाबू आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके विचार, शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके कार्य आज भी जीवित हैं और आगे भी रहेंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो