रांची - झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत लगाई थी.सत्ता प्राप्ति के लिए सारे प्रयास किए गए थे.हर तरह के संसाधन चुनाव में जीत के लिए लगाए गए थे.पूरा तंत्र झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए लगा दिया गया था लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.2019 की हार से भी खराब प्रदर्शन 2024 के विधानसभा चुनाव में हुआ.परिणाम के बाद हार पर चर्चा भी हुई.
विधानसभा चुनाव में हार के जिम्मेदार को किया गया चिह्नित
3 महीने बीत भी गए पर कोई कार्रवाई सामने से नहीं दिख रही है.लेकिन ऐसा नहीं है कि पार्टी को हार के गुनहगार का पता नहीं है.धीरे-धीरे सारी चीजे केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच गई हैं.अब लगता है कि इसका कुछ परिणाम सामने आएगा. झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम पूरी पार्टी के लिए एक बड़ा संदेश दे गया है जिस प्रकार से संगठन के अंदर अराजक स्थिति हो गई थी, वह अप्रत्याशित थी. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अपनी चिंता अधिक सता रही थी.उन्हें लग रहा था कि कोई उन्हें कुर्सी पर बैठा दे यानी मुख्यमंत्री बना दे.लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो पाया क्योंकि उन्होंने भी संगठन को समेट कर नहीं रखा.कार्यकर्ताओं में उपेक्षा का भाव देखा जा रहा था.सारा कुछ विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा कर रहे थे.वैसे प्रभारी के तौर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे लेकिन उनकी भूमिका कुछ खास नहीं रही. हिमंता बिस्वा सरमा ने केंद्रीय नेतृत्व को आश्वस्त कर दिया था कि झारखंड जीतकर झोली में देंगे.
विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी भी नीति नियंता में से एक थे.अमर कुमार बावरी असम के मुख्यमंत्री के अचानक से विश्वासपात्र बन गए थे .इसके अलावे एक दो लोग चुनाव रणनीति को प्रभावित कर रहे थे.प्रमुख नेता चुप रह गए. सब कुछ देखते रह गए कि किस प्रकार से चुनाव जीतने की सारी कवायद पर पानी फिर रहा है.परिणाम भी वैसा ही हुआ.
केंद्रीय नेतृत्व की बात करें तो सबसे बड़ा नाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उसके बाद कोई नाम आता है तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का है.इसलिए इनके पास सारी रिपोर्ट है कि किसने क्या किया है.किसने झारखंड में भाजपा की नैया डुबाने का काम किया,सब पता है. प्रदेश सरकार के कुछ नेताओं को चिन्हित किया गया है इनको हल्के से बड़ी सजा दी जाएगी.प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय ने कहा कि पार्टी की एक अलग संस्कृति होती है.जिसने विधानसभा चुनाव में पार्टी का नुकसान कराया है, उनकी पहचान हो गई है.पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मन बना चुकी है.किसी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिन लोगों ने इस प्रकार का षड्यंत्र किया उन्हें पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा.मालूम हो कि 2019 में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी.