टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है. यह शीतकालीन सत्र 7 दिनों तक यानी 21 दिसंबर तक चलेगा. वहीं सबसे खास बात यह है कि यह सत्र राज्य सरकार की अंतिम और पांचवी शीतकालीन सत्र होगी. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेंदार होने वाला है. जहां विपक्ष राज्य सरकार से कई सारे सवाल पूछ सकती है. तो इसके साथ ही राज्य में मौजूदा परिस्थिति में कई ऐसे मामले चल रहे है, जिसे विपक्ष की सरकार मुद्दा बना कर सरकार से सवाल पूछ सकती है. इसके साथ ही यह पहला सत्र होगा जब नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली नहीं होगी. उसमें बीजेपी विधायक दल के नेता अमर बाउरी रहेंगे.
शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने की आशंका
गौरतलब है कि इस समय झारखंड का सियासी पारा काफी गर्म है. एक तरफ साहिबगंज में हुए 1000 हजार करोड़ अवैध खनन मामले में ईडी लगातार सीएम को समन भेज कर पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुला रही है. तो वहीं दूसरी और राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से आईटी द्वारा 300 करोड़ रुपए बरामद किए गए. जाहिर है विपक्ष इसे मुद्दा बनाएगी औऱ शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरने का काम करेगी. इसके साथ ही विपक्ष राज्य में बढ़ रहे अपराध, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने का काम करेगी..
इसके साथ ही झारखंड विधानसभा के करीब चार साल बाद यह पहला सत्र होगा, जिसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली नहीं होगी. उसमें बीजेपी विधायक दल के नए नेता अमर कुमार बाउरी को विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बैठाया जाएगा. इसी बीच अमर बाउरी का एक बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्र के दौरान वे राज्य में चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में पर्दाफाश करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस सत्र में हेमंत सरकार का असली चेहरा बाहर लाने का काम करेंगे. हालांकि अमर बाउरी के इस बयान के बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार का सत्र काफी हंगामे दार होने वाला है.