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झाखंड विधानसभा चुनाव: पढ़िए -कांग्रेस के 2019 के परफॉरमेंस पर कैसे -कैसे संकट के बादल?

झाखंड विधानसभा चुनाव: पढ़िए -कांग्रेस के 2019 के परफॉरमेंस पर कैसे -कैसे संकट के बादल?

धनबाद(DHANBAD):  झारखंड में कांग्रेस क्या विधानसभा में  2019 के परफॉर्मेंस को दुहरा  पाएगी या सिंगल डिजिट में पहुंच जाएगी.   यह सवाल अभी से ही झारखंड के सियासी गलियारों  में तैरने लगे है. यह अलग बात है कि चुनाव में अभी वक्त है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. 16 पर जीती थी.  उसके बाद जेवीएम के दो विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. उनमे  बंधु तिर्की और प्रदीप यादव शामिल है. फिर बंधु तिर्की के खिलाफ कोर्ट का फैसला आया और  उनकी विधायकी   चली गई.  लेकिन उन्ही की  सीट पर कांग्रेस के सिंबल से उनकी बेटी नेहा तिर्की चुनाव लड़ी और वह चुनाव जीत गई.  

कांग्रेस के पास खुद के सिंबल पर लड़े 17 विधायक है.

इस प्रकार  कांग्रेस के पास खुद के सिंबल पर लड़े 17 विधायक है. अगर जयप्रकाश भाई पटेल को भी शामिल कर लिया जाए, तो 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस झारखंड के 81 में से 33 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.  लेकिन लोकसभा चुनाव में जिन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को प्रतिद्वंदी से कम वोट आये है ,वह सभी सीटें खतरे की घंटी बजा रही है.  कांग्रेस 20 से लेकर 22 सीटों पर लोकसभा चुनाव में पीछे गई है. तर्क दिया जा सकता है लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव अलग-अलग मोड में लड़े जाते है.  लेकिन अगर कांग्रेस के विधायक अपने -अपने क्षेत्र में गठबंधन के प्रत्याशी को बढ़त नहीं दिला सके तो इसका तो यही मतलब निकाला  जाएगा कि  या तो विधायकों ने रूचि नहीं ली या उनका ग्राफ ढलान पर है. 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड के कांग्रेस कोटे के कई मंत्री भी अपने विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन के प्रत्याशी को बढ़त  नहीं दिला सके.  ऐसे मंत्री में बादल पत्र लेख और बन्ना गुप्ता के नाम शामिल है.  एक नजर अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कोटे के विधानसभा पर नजर डाला जाए, तो परिणाम उत्सवर्धक नहीं कहा जा सकता है.  

आकड़े बहुत कुछ बता रहे और राह दिखा रहे 

आंकड़ों के अनुसार पाकुड़ विधानसभा में गठबंधन के प्रत्याशी विजय हांसदा को लीड मिली है.  झारखंड मुक्ति मोर्चा को यहां पर 1 , 59,343 वोट प्राप्त हुए है. बीजेपी यहाँ पिछड़ गई है. अगर जामताड़ा की बात की जाए तो गठबंधन के प्रत्याशी नलिन सोरेन को यहां लीड मिली है.  नलिन सोरेन को यहां 1,26,013 वोट प्राप्त हुए है.  अगर जरमुंडी की बात की जाए तो इस सीट पर कांग्रेस को खतरा हो सकता है. भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे को इस विधानसभा क्षेत्र में 1,07,0 82 वोट प्राप्त हुए हैं जबकि प्रदीप यादव यहां पीछे रह गए है. उन्हें केवल 62, 684 वोट मिले है. पोड़ैयाहाट  विधानसभा की बात की जाए तो निशिकांत दुबे को 1, 0  1,676 वोट मिले जबकि प्रदीप यादव को 93,136 वोट प्राप्त हुए.  इस प्रकार देखा जाए तो यहां भी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में खतरा हो सकता है.  महागामा विधानसभा में कांग्रेस छोटी ही लेकिन लीड पर रही.  यहां कांग्रेस को आराम की स्थिति मिल सकती है.  कांग्रेस को यहाँ 99,139 वोट मिले तो भाजपा को 99,018 मत प्राप्त हुए. बगोदर विधानसभा में भाजपा की अनपूर्णा  देवी विनोद सिंह से काफी आगे रही. यहां कांग्रेस का वजूद दिखता नहीं है. 

बरही में भी भाजपा के मनीष जायसवाल को बड़ी लीड मिली

बरही में भी भाजपा के मनीष जायसवाल को बड़ी लीड मिली है. भाजपा को 1,33,167  वोट मिले है, जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश भाई पटेल को 51,988 वोट प्राप्त हुए है.  बड़कागांव का भी यही हाल है. यहाँ भाजपा को   133579 वोट मिले तो कांग्रेस को 74548 मत मिले.  वोटों का आंकड़ा बताता है कि हजारीबाग सदर और बड़कागांव  पर भी खतरा हो सकता है. सिमरिया का भी यही हाल हो सकता है.यहाँ भाजपा के कालीचरण सिंह को 140884 वोट मिले तो कांग्रेस के केएन तिपाठी को 66271 मत प्राप्त हुए. मनिका में कांग्रेस कंफर्टेबल हालत में रह सकती है. कांग्रेस के केएन त्रिपाठी को 72045 वोट मिले तो भाजपा के काली चरण सिंह को 70459 वोट मिले.  बेरमो सीट भी  कांग्रेस को संकट में डाल सकती है. बेरमो में आजसू को 84651 वोट मिले जबकि झामुमो को 59183 वोट मिले.  झरिया सीट पर भी भाजपा को लीड मिली है. यहां भी खतरा बढ़ सकता है. झरिया में भाजपा को 1,67,044 वोट मिले तो कांग्रेस को 102141 वोट मिले है. जमशेदपुर पूर्वी जमशेदपुर पश्चिम दोनों सीट  कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है. जमशेदपुर पश्चमी से भाजपा लीड में रही है. जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा को 145482 तो झामुमो को 40712 मत प्राप्त हुए. 

जमशेदपुर पश्चिम में पिछड़ गया झामुमो 

जमशेदपुर पश्चिम में भाजपा को 133172 वोट मिले जबकि झामुमो यहाँ पीछे रहा.  खिजरी  सीट पर कांग्रेस वोटो के आकलन के अनुसार अपने को सुरक्षित मान सकती है.  यहाँ कांग्रेस को 113868 वोट मिले तो भाजपा को 97535 मत प्राप्त हुए. हटिया,कांके  पर भी कांग्रेस को खतरा हो सकता है. हटिया में भाजपा को 156593 वोट मिले तो कांग्रेस को 130023 वोट प्राप्त हुए. कांके सीट पर भाजपा को 139164 वोट मिले तो कांग्रेस को 119271 वोट मिले. जगरनाथ पुर में झामुमो को 70082 मत मिले तो भाजपा को 49105 वोट मिले. सिमडेगा ,कोलेबिरा ,मांडर, लोहरदगा पर कांग्रेस अपने को सुरक्षित महसूस कर सकती है.  डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, भवनाथपुर में भी कांग्रेस संकट में फंस सकती है.सिमडेगा में कांग्रेस को 81691 तो भाजपा को 72273 मत मिले. कोलेबिरा में कांग्रेस को 81691 वोट मिले तो भाजपा को 72273 मत मिले. मांदर में कांग्रेस के सुखदेव भगत को 131383 वोट मिले तो भाजपा को 62288 वोट से ही संतोष करना पड़ा. लोहरदग्गा से कांग्रेस को 97310 वोट मिले तो भाजपा को 70056 वोट से संतोष करना पड़ा. इसी प्रकार डाल्टनगंज में भाजपा को 155023 वोट मिले तो राजद की ममता भुइया को 72447 वोट मिले.  बिश्रामपुर में भाजप बहुत आगे रही, उसे कुल 119685 वोट प्राप्त हुए. भवनाथपुर में भी भाजपा आगे रही. भाजपा को 153075 वोट मिले जबकि राजद को 98960 से संतोष करना पड़ा.  2019 के चुनाव परिणाम को देखा जाए तो पाकुड़ से आलमगीर आलम को 1,27,868 वोट मिले थे.  

जामताड़ा से इरफान अंसारी को 1,12,2 53 वोट मिले थे

जामताड़ा से इरफान अंसारी को 1,12,2 53 वोट मिले थे.  जरमुंडी से बादल  पत्र लेख को 52,370 वोट मिले थे.  दीपिका पांडे सिंह को महागामा  से 88,7 76 वोट मिले थे.  जेबीएम के प्रदीप यादव को पोड़ैयाहाट में  77,03 1 वोट  प्राप्त हुए थे.  यह लोग चुनाव जीत गए थे.  फिर बगोदर से कांग्रेस के वासुदेव वर्मा चुनाव लड़े थे.  उन्हें केवल 2041 वोट आए थे और वह चुनाव हार गए थे.  जमुआ  से मंजू कुमारी 40, 153 वोट लाकर हार गई थी.  बरही  से कांग्रेस के उमाशंकर अकेला को 84,0 86 वोट मिले थे और वह चुनाव जीत गए थे.  बड़का गांव से अंबा प्रसाद को 98,576 वोट मिले थे और वह चुनाव जीत गई थी.  हजारीबाग सदर से डॉ रामचंद्र प्रसाद 54,023 वोट लाकर हार गए थे.  सिमरिया से कांग्रेस के  योगेंद्र नाथ  नाथ बैठा 27,646 वोट लेकर हार गए थे.  मनिका से रामचंद्र सिंह 73,2 24 वोट लाकर जीत गए थे.  पांकी  से देवेंद्र कुमार सिंह 55,571 वोट लाकर हार गए थे.  बेरमो से  कांग्रेस के  अनूप सिंह 94,022 वोट लाकर जीत गए थे.  बाघमारा विधानसभा से जलेश्वर महतो 77,208 वोट लेकर हार गए थे.  बोकारो से श्वेता सिंह 98,765 वोट लाकर  हार गई थी.  धनबाद से मन्नान मलिक 89,558 वोट लेकर हार गए थे.  झरिया से पूर्णिया नीरज सिंह को 79,512 वोट मिले थे और चुनाव जीत गई थी.  

जमशेदपुर ईस्ट से गौरव वल्लभ को 18,941 वोट मिले थे 

जमशेदपुर ईस्ट से गौरव वल्लभ को 18,941 वोट मिले थे और वह चुनाव हार गए थे.  जमशेदपुर पश्चिम से बन्ना गुप्ता को 96,6 84 वोट मिले थे.  और वह चुनाव जीत गए थे.  खिजरी  से राजेश कच्छप  को 83601 वोट मिले थे और वह चुनाव जीते थे.  हटिया से कांग्रेस के अजय  नाथ सहदेव 98927वोट लाकर भी चुनाव हार गए थे.इस प्रकार देखा जाए तो 2024 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.  कांग्रेस अगर कमजोर विधानसभा सीटों का आकलन कर उसके हिसाब से काम शुरू करें तो कुछ बेहतर परिणाम आ सकते हैं, अन्यथा बिहार की तरह झारखंड में भी कांग्रेस फिर से परेशानी में पड़  सकती है. कम से कम लोकसभा चुनाव के आकड़े तो यही बताते है.अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्य्क्ष प्रदीप कुमार बालमुचु की चुनाव परिणाम समीक्षा क्या कहती है. उन्हें हार -जीत के कारणों की समीक्षा की जिम्मेवारी दी गई है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

Published at:20 Jun 2024 02:40 PM (IST)
Tags:dhanbadjharkhandwidhansabhachunawJharkhand Assembly ElectionsCongress in 2019
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