धनबाद(DHANBAD): झारखंड के सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर मिले वोटो की महीन गणना हो रही है. यह गणना बीजेपी यानी एनडीए भी कर रही है, तो गठबंधन के नेता भी कर रहे है. लोकसभा में 9 सीट जीतकर एनडीए खुश है तो 5 सीट जीतकर गठबंधन भी अपनी पीठ ठोक रहा है. वैसे लोकसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर वोटो के फिसलने के बाद भाजपा नए सिरे से आदिवासी समुदाय को जोड़ने की रणनीति पर काम भी कर रही है और तैयारी भी कर रही है. एक आंकड़े के मुताबिक भाजपा को पांच आदिवासी सीटों पर हार मिली है. दुमका ,जामा जैसी सीटों पर बढ़त से भाजपा उत्साहित है. जानकारी के अनुसार जमशेदपुर लोकसभा में आने वाली घाटशिला, पोटका की आरक्षित सीटों पर भी भाजपा को लीड मिली है. सरायकेला में मुख्यमंत्री की सीट पर भी भाजपा ने बढ़त दर्ज की है.
भाजपा ने आदिवासी समाज को आकर्षित करने के लिए धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था. इस साल भाजपा बिरसा मुंडा जयंती से एक साल तक राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाने जा रही है. खूंटी में भाजपा ने धरती आबा के वंशजों को भी साथ जोड़ने की कोशिश की है. इधर, इंडिया गठबंधन भी अभी से ही आदिवासी सीटों को साधने का प्रयास शुरू कर दिया है. झारखंड की सभी राजनीतिक पार्टिया विधानसभा चुनाव में जाने की तैयारी में है. चुनाव नवंबर या दिसंबर में हो सकता है. यह बात तो बिल्कुल सच है कि झारखंड में किसे बहुमत मिलेगा, यह आदिवासी आरक्षित सीट ही तय करेंगी.
इसी को ध्यान में रखकर इंडिया गठबंधन और एनडीए चुनाव की तैयारी में उतरने की रूपरेखा पर काम शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भी एक दूसरे पर हमले कम नहीं हुए है. बल्कि हमले तेज हुए है. सभी दल चौकस हैं और किसी के कमेंट पर तुरंत प्रति उत्तर दे रहे है. गोड्डा से चौथी बार के सांसद बने निशिकांत दुबे के पोस्ट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस हमलावर हो गए है. निशिकांत दुबे ने लिखा कि चंपई दा - होशियार! कल्पना भाभी आ गई है. झारखंड की वर्तमान सरकार के लिए अगले 7 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले है. इसके जवाब में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा है कि कल्पना सोरेन के गांडेय उप चुनाव जीत कर राजनीति में कदम रखने से भाजपा नेताओं के अंदर बेचैनी बढ़ गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता मनोज पांडे ने कहा है कि निशिकांत दुबे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सुर्खियां बटोरने का काम करते रहे है. उन्होंने आगे कहा है कि निशिकांत दुबे के हर दावे बे बुनियाद है. सरकार पर कोई खतरा नहीं है. भाजपा नेताओं की बेचैनी इसका प्रमाण है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो