धनबाद(DHANBAD) : धनबाद के छह विधानसभा सीटों में से पांच पर भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या 2019 के रिकॉर्ड को भाजपा पार कर लेगी या पिछड़ जाएगी. इस बीच यह भी सूचना लगभग पक्की हो चली है कि गठबंधन में धनबाद का सिंदरी और निरसा सीट वाम दलों के खाते में जाएगी सिंदरी और निरसा सीट पर ही झामुमो के दावेदारों की सूची लंबी थी. फिर सवाल उठता है कि अब इन दो सीटों पर झामुमो के दावेदार क्या करेंगे? वैसे सिंदरी और निरसा लाल झंडे का गढ़ रहा है. लेकिन 2019 के चुनाव में दोनों सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी. यह अलग बात है कि फारवर्ड ब्लाक छोड़कर भाजपा में आई अपर्णा सेन गुप्ता को भाजपा ने निरसा से टिकट दिया और वह जीत गई. सिंदरी से भी भाजपा ने जीत दर्ज की, लेकिन 2024 के चुनाव में निरसा और सिंदरी सीट वाम दलों के खाते में जाना लगभग तय हो गया है.
सिंदरी, निरसा और बगोदर वाम दल को जाना तय
वैसे, शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि झामुमो और कांग्रेस मिलकर झारखंड के 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद बखेड़ा भी हुआ लेकिन सूत्र बताते हैं कि मामला सलटा लिया गया है. 7 सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगा और चार सीटों पर वाम दाल के उम्मीदवार किस्मत आजमाएंगे. वाम दलों के लिए तीन सीट को तो सूत्र कंफर्म बता रहे है. जिनमें सिंदरी, निरसा और बगोदर शामिल है. सिंदरी सीट से राजनीतिक संत कहे जाने वाले एके राय दो बार विधायक रहे, तो उन्हीं की पार्टी के टिकट पर आनंद महतो चार बार विधायक बने. निरसा से भी लाल झंडे की जीत होती रही है. 2024 में एके राय की पार्टी (मासस) का माले में विलय हो गया है. ऐसे में झारखंड में वाम दल मजबूत हुआ है. कहा जा सकता है कि 2019 के चुनाव परिणाम को प्राप्त करना अथवा उसे आगे जाना इस बार भाजपा के लिए चुनौती बन सकती है.
पांचवी बार सिंह मेन्शन तो चौथी बाए राज बाबू पर भरोसा
धनबाद जिले की 6 विधानसभा सीटों में टुंडी को छोड़कर पांच पर उम्मीदवारों कि भाजपा ने घोषणा कर दी है. भाजपा ने लगातार पांचवीं बार झरिया सीट से सिंह पेंशन पर भरोसा जताया है. सिंह मेंशन की बहू रागिनी सिंह को झरिया से उम्मीदवार बनाया गया है. धनबाद सीट पर भाजपा ने राज सिंहा पर चौथी बार भरोसा जताया है. भाजपा से उन्हें पहली बार 2009 में टिकट मिला था. लेकिन वह चुनाव हार गए थे. पर 2014 और 2019 में लगातार जीते. ढुल्लू महतो के सांसद बन जाने के बाद बाघमारा सीट खाली हुई थी और भाजपा को इस पर नए चेहरे की तलाश थी. सांसद भी भाई के लिए दबाव बनाए हुए थे. अंततः शत्रुघ्न महतो को टिकट मिल गया. सिंदरी सीट से इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा देवी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. भाजपा की नजर सहानुभूति वोट पर है. कोरोना की चपेट में आने के बाद इंद्रजीत महतो 4 साल से हैदराबाद में इलाज करा रहे हैं. निरसा से दूसरी बार अपर्णा सेन गुप्ता को भाजपा ने टिकट दिया है. 2019 में वह निरसा सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक बनी थी. इस बार भी दौड़ में अन्य कई नाम थे, पर भाजपा ने अपर्णा सेनगुप्ता पर ही भरोसा जताया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो