धनबाद(DHANBAD): झारखंड मुक्ति मोर्चा की तीसरी सूची में चमरा लिंडा को बिशुनपुर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की गई है. अभी हाल ही में चमरा लिंडा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. लोकसभा चुनाव के पहले वह पार्टी से नाराज हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ा था. ऐसा करने वाले बोरियों के विधायक लोबिन हेंब्रम भी थे. लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा शुरू से ही चमरा लिंडा पर सॉफ्ट कॉर्नर बनाए रहा. लेकिन लोबिन हेंब्रम के खिलाफ कार्रवाई जारी रही. लोबिन हेंब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जबकि चमरा लिंडा को केवल निलंबित किया गया था. अब चमरा लिंडा झामुमो के टिकट पर बिशुनपुर से प्रत्याशी घोषित किए गए है. जबकि लोबिन हेंब्रम पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए हैं और भाजपा ने उन्हें बोरियो से उम्मीदवार घोषित किया है. फिर से सवाल उठने लगे है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा चमरा लिंडा पर नरम तो विधायक लोबिन हेंब्रम पर गरम क्यों था .
चमरा लिंडा झामुमो का आशीर्वाद पाने में हुए सफल
दोनों विधायकों का अपराध एक जैसा ही था . चमरा लिंडा लोहरदगा से 2024 लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़े, तो राजमहल से लोबिन हेंब्रम भी निर्दलीय चुनाव लडे. यह बात अलग है कि चमरा लिंडा और लोबिन हेंब्रम को वहां की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया. यह साबित कर दिया कि पार्टी की छत्रछाया में ही उनकी राजनीति चमक रही थी. पार्टी से अलग हुए तो जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. उनकी बातों पर वोटरों ने भरोसा नहीं किया. लोहरदगा लोकसभा सीट पर चमरा लिंडा को 45,998 वोट मिले. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुखदेव भगत को 4,83,038 वोट प्राप्त हुए. जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के समीर उरांव को 3,43,9 00 वोट प्राप्त हुए.
पार्टी से अलग हुए तो लोकसभा में वोटरों ने नकार दिया था
एक तरह से लोहरदगा की जनता ने चमरा लिंडा को पूरी तरह से नकार दिया था. राजमहल लोकसभा सीट पर लोबिन हेंब्रम को केवल 42,140 वोट मिले थे. जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय हांसदा को 6 , 13,371 मत प्राप्त हुए थे जबकि भाजपा के ताला मरांडी को 4 , 35,107 वोट मिले थे. लोबिन हेंब्रम झारखंड में गठबंधन सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे . उन्होंने आंदोलन भी किया, मनाने के बावजूद राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार विजय हांसदा थे. हालांकि विजय हांसदा चुनाव जीतकर लोबिन हेंब्रम की राजनीति पर ही संकट खड़ा कर दिया . वैसे ,लोहरदगा सीट से चमरा लिंडा भी निर्दलीय चुनाव लड़े थे. यहां गठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत थे. हालांकि लोहरदगा में भी चमरा लिंडा कोई फैक्टर नहीं बन सके और सुखदेव भगत आराम से चुनाव जीत गए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो