धनबाद(DHANBAD) : झारखंड के चुनाव में कुर्मी समाज को अपने पाले में करने की भाजपा ने एक और पासा फेंका है. झारखंड विधानसभा चुनाव के भाजपा प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केंद्र में मंत्रिमंडल का जब विस्तार होगा, तब झारखंड से किसी कुर्मी समाज के चेहरे को जगह देने का निर्णय पक्का है. फिलहाल, केंद्र सरकार में झारखंड के दो मंत्री है. कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी और रांची सांसद संजय सेठ केंद्र सरकार में मंत्री है. झारखंड से तीसरे मंत्री के रूप में कोई कुर्मी समाज का होगा. इसको लेकर भी भाजपा और गठबंधन में खींचतान हो सकती है. फिलहाल भाजपा में कुर्मी समाज से एक ही नेता है जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो लेकिन अगर एनडीए की बात की जाए तो गिरिडीह से आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी भी कुर्मी समाज से ही आते है. मतलब एनडीए में दो सांसद है.
आजसू लोकसभा चुनाव के बाद से ही कर रहा डिमांड
यह अलग बात है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में गठन के समय आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की गई थी. बावजूद कोडरमा और रांची सांसद को मंत्री बनाया गया, लेकिन चंद्र प्रकाश चौधरी रेस में पीछे रह गए. अब एक बार फिर केंद्र में मंत्री बनाने की बात उठी है. फिलहाल झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है और कुर्मी वोट को साधने के लिए सभी दल अपने-अपने ढंग से तैयारी कर रहे है. जयराम महतो की पार्टी का लोकसभा चुनाव में परफॉर्मेंस को देखते हुए भी महतो समाज के वोटर सभी दल के निशाने पर है. आजसू तो महतो की पार्टी ही कही जाती है. दूसरी ओर विधानसभा चुनाव को लेकर जयराम महतो की पार्टी की सक्रियता भी दलों को परेशानी में डाल रखा है.
बीजेपी झारखंड में विद्युत वरण महतो को प्रमोट कर रही
इधर, सूत्र बताते हैं कि जिस तरह बीजेपी झारखंड में विद्युत वरण महत्व को प्रमोट कर रही है, उससे लगता है कि पार्टी की नजर विद्युत वरण महतो पर है. लेकिन आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी को अगर नजरअंदाज किया गया तो एक नया विवाद खड़ा हो सकता है. ऐसे में भाजपा नहीं चाहेगी कि विधानसभा चुनाव के पहले कोई ऐसा कदम उठाया जाए, जिसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़े. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू में गठबंधन नहीं था. नतीजा हुआ कि भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा. 2024 में संभावना है कि आजसू और भाजपा साथ मिलकर चुनाव लड़े. ऐसे में भाजपा आजसू को भी चुनाव के पहले नाराज करना नहीं चाहेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि शिवराज सिंह चौहान ने जो पासा फेंका है, वह सिर्फ चुनावी हथकंडा है या इसमें कुछ सच्चाई भी है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो