धनबाद(DHANBAD) : धनबाद की 6 विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाने वालों में से तीन ऐसे हैं, जो कभी न कभी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके है. लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार अपनी किस्मत आजमा रहे है. इन प्रत्याशियों में से दो ऐसे हैं, जो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. तो एक धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हार मिलने के बाद फिर से विधानसभा में किस्मत आजमा रहे है. ऐसे लोगों में टुंडी से झामुमो प्रत्याशी मथुरा प्रसाद महतो, बाघमारा से कांग्रेस उम्मीदवार जलेश्वर महतो, धनबाद से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय दुबे शामिल है.
लोकसभा चुनाव में गिरिडीह सीट से मथुरा महतो प्रत्याशी थे
2024 में हुए लोकसभा चुनाव में गिरिडीह सीट से मथुरा महतो झामुमो के प्रत्याशी थे. अब वह फिर विधानसभा में टुंडी सीट से झामुमो के उम्मीदवार है. अजय दुबे साल 2014 में कांग्रेस के टिकट पर धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके है. इस बार कांग्रेस के बैनर तले वह धनबाद विधानसभा से प्रत्याशी है. जानकारी के अनुसार 2014 में जलेश्वर महतो भी गिरिडीह लोकसभा सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव मैदान में थे. इस बार वह बाघमारा से कांग्रेस के उम्मीदवार है.
जलेश्वर महतो भी लड़ चुके है गिरिडीह से चुनाव
आंकड़े बताते हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में गिरिडीह संसदीय सीट पर मथुरा प्रसाद महतो रनर रहे. उन्हें 3,70, 259 वोट प्राप्त हुए थे. जबकि एनडीए उम्मीदवार चंद्र प्रकाश चौधरी 4,51,139 वोट लाकर विजई हुए थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय कुमार दुबे को धनबाद सीट पर 2,50, 537 मत प्राप्त हुए थे. उस समय भाजपा के पशुपतिनाथ सिंह को 5,43,491 वोट मिले थे. 2014 में जलेश्वर महतो गिरिडीह संसदीय सीट से चुनाव लड़े थे. उन्हें 50,000 से भी कम वोट मिले थे.
टिकट तो मिल गया, अब देखना है आगे होता है क्या
इस बार देखना है कि लोकसभा का चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने टिकट तो हासिल कर ली है, लेकिन वोटरों का विश्वास कहां तक वह जीत पाते है. वैसे, मथुरा प्रसाद महतो तो 2019 के विधानसभा चुनाव में टुंडी से विधायक हैं, तो जलेश्वर महतो 2019 के विधानसभा चुनाव में 1000 से कम वोटो से भाजपा के ढुल्लू महतो से परास्त हो गए थे. 2019 में धनबाद विधानसभा क्षेत्र से मन्नान मलिक कांग्रेस के उम्मीदवार थे. वह भाजपा के राज सिन्हा के हाथों परास्त हो गए थे. अब इस बार देखना है कि चुनाव परिणाम किसके पक्ष में जाता है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो