धनबाद(DHANBAD): झारखंड में इस बार आर -पार की चुनावी लड़ाई होगी, इसमें किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए. सवाल उठ रहे है कि क्या बीजेपी लोबिन हेंब्रम के कंधे पर रखकर विधानसभा चुनाव में "बंदूक" चलाएगी . लोकसभा चुनाव में शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को पार्टी में शामिल कराने का भी भाजपा को कोई फायदा नहीं मिला. इस बार क्या लोबिन हेंब्रम को आगे कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में सेंध लगाने की बीजेपी कोशिश करेगी. यह सवाल धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. कांग्रेस के एक -दो विधायकों को भी अगर भाजपा अपने पाले में कर ले, तो कोई आश्चर्य नहीं. इस बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी जो संकेत दिए हैं, उससे इस बात को बल मिल रहा है कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा में सेंधमारी की भाजपा ने पूरी तैयारी कर रखी है.
भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कोई चर्चा नहीं थी
मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के बाद से ही भाजपा चंपई सोरेन के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर लेकर चल रही है. वहीं, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरायकेला में चंपई सोरेन ने, जो भाषण दिए, उसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कोई चर्चा नहीं थी. उसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी मानते हैं कि यह कोई साधारण बात नहीं है. जमशेदपुर में पत्रकारों के सवाल पर चंपई सोरेन ने खुलकर कुछ नहीं कहा. सवालों को टाल गए. कहा कि उनका राजनीतिक जीवन अभी बहुत लंबा है. अभी से कुछ भी कहना मुश्किल है. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अफवाह उड़ रही है कि वह दिल्ली में है, लेकिन वह तो जमशेदपुर में आप लोगों के सामने है.
लोबिन हेंब्रम का भाजपा में जाना लगभग तय
इधर, लोबिन हेंब्रम भाजपा में जाएंगे, यह बात लगभग तय हो गई है. लोबिन हेंब्रम कहते हैं कि इस संबंध में वह जल्द ही फैसला लेंगे. उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं से संपर्क की बात को स्वीकारी, कहा कि अब परिवारवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने का समय आ गया है. इधर, चंपई सोरेन के लिए भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी "प्लान बी" तैयार कर रखा है. धनबाद के एक झारखंड मुक्ति मोर्चा के बड़े नेता ने संकेत दिए कि अगर चंपई सोरेन भाजपा में जाते हैं, तो उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला या पोटका से झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनावी मैदान में उतार सकता है. पोटका और घाटशिला से फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक है.
भाजपा के नेता गाहे -बेगाहे चंपई सोरेन को बड़ा नेता बताते रहे है
यह अलग बात है कि भाजपा के नेता गाहे -बेगाहे चंपई सोरेन को बड़ा नेता बताने से परहेज नहीं करते है. वैसे, भाजपा में भी कम गुटबाजी नहीं चल रही है. विधानसभा चुनाव किसके चेहरे पर भाजपा लड़ेगी, इस पर अभी संशय बना हुआ है और यही संशय भाजपा को परेशान कर रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर परेशान सिर्फ एनडीए ही नहीं ,इंडिया ब्लॉक भी कम नहीं है. इंडिया ब्लॉक में में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ कांग्रेस भी शामिल है. कांग्रेस ने अपने सवर्ण प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है और केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे भी ओबीसी और कुरमी वोट बैंक है. भाजपा झारखंड मुक्ति मोर्चा में सेंधमारी करने की कोशिश कर रही है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपनी योजना तैयार करने की ओर बढ रहा है. हालांकि यह सब अभी कयास हैं ,चुनाव आते -आते बहुत कुछ समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो