धनबाद(DHANBAD) : "चाचा" आज हेमंत सोरेन को दे सकते है बड़ा "गच्चा". कोल्हान के "टाइगर" चंपाई सोरेन आज झामुमो को बड़ा झटका दे सकते है. पटकथा तो पहले से ही तैयार थी. आज अमलीजामा पहनाने की बारी है. चंपाई सोरेन आज दिल्ली पहुंच रहे है. दिल्ली में वह आज ही भाजपा में शामिल हो सकते है. जानकारी तो यह भी निकल कर आ रही है कि उनके साथ कोल्हान के तीन विधायक है. झारखंड अलग राज्य आंदोलन में शिबू सोरेन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले चंपाई सोरेन आज झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ सकते है. जानकारी मिली है कि तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर 3 बजे के बाद भाजपा में शामिल हो सकते है. उनके साथ कोल्हान के तीन से चार विधायक भी है. अगर आज अगर चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो जाते है तो झारखंड की राजनीति में रविवार का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा.
कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लेकर चर्चाओं का बाजार कभी नरम तो कभी गरम हो रहा था. पिछले 48 घंटे से यह स्थिति बनी हुई थी. इसके पीछे भी कई कारण है. भाजपा में जाने की चर्चा कुछ यूं ही नहीं उठी थी. मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनके मन में जो नाराजगी थी, उस वजह से पार्टी छोड़ने की बात को और हवा मिल रही थी. इसमें कोई संदेह नहीं की चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के बड़े नेता हैं. कोल्हान में उन्हें कोल्हान टाइगर के नाम से कहा और पुकारा जाता है. कोल्हान की 14 सीटों में से 13 सीटें इंडिया ब्लॉक के पास हैं. जबकि एक सीट पर निर्दलीय विधायक सरयू राय चुनाव जीते थे. सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट से हराया था. भाजपा के मन में इस बात की कसक है और वह इस विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर कब्जा करना चाहती है.
यह अलग बात है कि लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में लाने का उसे बहुत बड़ा फायदा नहीं मिला. लेकिन अब निश्चित रूप से वह झामुमो से निष्कासित विधायक लोबिन हेंब्रम के कंधे पर बंदूक रखकर कोल्हान को साधने की कोशिश कर रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मुद्दे पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. इस संबंध में पार्टी स्तर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब जेल गए थे, तो चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई थी, लेकिन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. निश्चित रूप से इसकी चंपाई सोरेन के मन में टीस है. यह बात भी सच है कि संथाल की तरह कोल्हान में भी भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इसके लिए उसे चंपाई सोरेन से बेहतर कोई नेता दिख नहीं रहा था. वैसे झामुमो की चुप्पी बता रही है कि वह प्लान बी पर काम कर रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो