धनबाद(DHANBAD): रांची के अंचलाधिकारी की घूस लेते गिरफ्तारी के बाद सरकार गंभीर हो गई है. मुख्यमंत्री ने भी बैठक में कहा था कि अंचल कार्यालयो में भ्रष्टाचार से लोगों को दिक्कतें हो रही है. इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए रांची के सीओ को₹37,000 घूस लेते गिरफ्तार किया था. इसके बाद झारखंड के डीजीपी ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया और कहा था कि शिकायत करने वाले सीधे शिकायत करे. उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा. इसके अलावा डीजीपी ने यह भी निर्देश दिया कि हर अंचल कार्यालय के बाहर एसीबी का नंबर टांगा जाएगा. कोई भी पीड़ित इसकी शिकायत उस नंबर पर कर सकता है. इधर, यह भी सूचना है कि लंबे समय से एक ही अंचल में जमे कंप्यूटर ऑपरेटरो का भी तबादला किया जाएगा.
आम लोगों को कार्यालय में काम कराने में हो रही परेशानी
लगातार यह सूचना अधिकारियों को मिल रही है कि अंचल कार्यालय में आमजनों को कार्य निष्पादन में परेशानी हो रही है. यह भी कहा जा रहा है कि लंबे समय से एक ही कार्यालय में रहने के कारण इन ऑपरेटरो का स्थानीय स्तर पर सक्रिय कथित जमीन दलालों से निकटता बढ़ जाती है. इस वजह से ग्रामीणों का काम लटका कर रखा जाता है. और कंप्यूटर ऑपरेटर कोई ना कोई बहाना बनाकर अंचल कार्यालय सीधे पहुंचे लोगों को परेशान करते है. बताया जाता है कि रांची के अंचलाधिकारी की घूस लेते गिरफ्तारी के बाद सरकार गंभीर हो गई है. मुख्यमंत्री ने भी बैठक में कहा था कि अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार से लोगों को दिक्कतें हो रही है. इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए रांची के सीओ को₹37000 घूस लेते गिरफ्तार किया था.बता दे कि रांची में हुई छापेमारी की गूंज झारखंड के 24 जिलों तक पहुंच गई थी .
23 दिसंबर की हुई बैठक में सीएम ने भी किया था जिक्र
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर की हुई बैठक में अंचल कार्यालयो में भ्रष्टाचार का जिक्र किया था. कार्रवाई के लिए अधिकारियों को कहा था.
दरअसल, एसीबी की टीम अभी तक छोटे पदाधिकारी, प्रधान लिपिक या लिपिक पद पर कार्यरत लोगों को घूस लेते गिरफ्तार करती थी. दारोगा और इंस्पेक्टर को पकड़ा जाता था. लेकिन इस बार अंचल अधिकारी ही घूस लेते पकड़े गए है. स्वाभाविक है इसकी चर्चा होनी थी, चर्चा हो भी रही है. इसके साथ ही झारखंड के सभी जिलों के अंचल कार्यालय में व्यवस्था बदलने की तैयारी चल रही है. अगर यह तैयारी परिणाम में बदलनी शुरू हुई तो झारखंड के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई इसी तरह जारी रही, तो कई मामले और पकड़ में आ सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो