धनबाद(DHANBAD): जमशेदपुर के निर्दलीय और चर्चित विधायक सरजू राय ने एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने दैनिक जागरण की एक खबर को भी लगाया है और कहा है कि आयुष्मान घोटाले की जांच के साथ कोविड प्रोत्साहन राशि घोटाले में मुझ पर दायर एफआईआर, केंद्र के फंड से हुए दवा खरीद घोटाला, एंबुलस खरीद घोटाला में धनशोधन की जांच को भी शामिल किया जाये. खबर में कहा गया है कि मनरेगा, खनन और जमीन घोटाले के बाद अब ईडी की नजर झारखंड में आयुष्मान भारत के कथित घोटाले पर है. ईडी ने राज्य सरकार से आयुष्मान भारत के तहत हुए फर्जी बिलों की सूची मांगी है. झारखंड में बहुत पहले से ही आयुष्मान भारत में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिलती रही है.
धनबाद में अभी हाल ही में पकड़ाई थी गड़बड़ी
धनबाद में अभी हाल ही में एक नेत्र अस्पताल के नाम पर फर्जी दावा करने का मामला सामने आया था. सरकार ने नेत्र अस्पताल पर दावे के तीन गुना आर्थिक दंड लगाया है. जो भी हो, लेकिन फर्जीवाडे तो किए गए हैं ,ड्यूटी आवर में अस्पताल के डॉक्टर के नाम पर बिल का क्लेम किया गया है. छोटी-छोटी जगह पर अस्पताल और नर्सिंग होम खोल लिए गए है. हालांकि सरकार ने गड़बड़ी पाने के बाद तीन दर्जन से अधिक अस्पतालों को सूची से हटा दिया है. बावजूद गड़बड़ी को लेकर ईडी की सक्रियता बढ़ी है तो कई अस्पताल संचालक इसकी चपेट में आ सकते है. 23 सितंबर" 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची से ही इस योजना की शुरुआत की थी. झारखंड की धरती से प्रारंभ हुई इस योजना में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिलती रही है. सरकार ने इसके नियम में कुछ परिवर्तन भी किये. लेकिन उसका परिणाम कुछ निकला,और न हीं आयुष्मान कार्ड निर्गत करने में बहुत पारदर्शिता देखी गई. एक आंकड़े पर भरोसा करें तो झारखंड में 58% योग्य लोगों को आयुष्मान कार्ड नहीं मिल पाया है.
योजना के शुरू हुए हो गए है पांच साल पूरे
भारत सरकार की महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत का लाभ 10 करोड़ परिवारों को मिले, इसी उद्देश्य से इसे प्रारंभ किया गया था. 20 18 में यह योजना चालू हुई , 5 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. आर्थिक रूप से पिछड़े और संसाधन विहीन वैसे लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना बनी है. यह योजना परिवार के प्रत्येक सदस्य के इलाज के लिए 5 लाख तक की राशि का खर्च वहन करती है. धनबाद में जो मामला पकड़ में आया था, उसमें पता चला था कि बंद पैथोलॉजी क्लिनिक की जांच रिपोर्ट पर 592 लोगों की आंखों का ऑपरेशन कर दिया गया था. जब भुगतान का दावा किया गया और जांच की गई तो खुलासा हुआ कि जिस समय पैथोलॉजी क्लिनिक की रिपोर्ट देने की बात कही गई थी, उस समय क्लीनिक बंद थी. सरकार ने इसकी जांच कराई ,उसके बाद 1.52 करोड रुपए का जुर्माना उसे नेत्र अस्पताल पर किया गया है. झारखंड के सभी सूचीबद्ध अस्पतालों कि अगर गंभीरता से जांच पड़ताल कराई जाए तो कई तरह के खुलासे सामने आ सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो