धनबाद(DHANBAD): एक लाख चार हज़ार परिवारों को पुनर्वास किया जाना है. लेकिन अब इस संशोधित पुनर्वास योजना की मंजूरी चुनाव के बाद ही कैबिनेट से संभव है. वैसे संशोधित मास्टर प्लान को लेकर दिल्ली में बुधवार को बैठक हुई. बैठक में कोयला सचिव, कोल इंडिया के अध्यक्ष, बीसीसीएल के सीएमडी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. पुनर्वास से संबंधित कई पहलुओं पर चर्चा हुई, जिन्हें संशोधित मास्टर प्लान के साथ जोड़ना या घटाना है. मास्टर प्लान के प्रभावी इंप्लीमेंटेशन पर भी चर्चा हुई. चुनाव से पहले झरिया मास्टर प्लान को कैबिनेट से मंजूरी दिए जाने की तैयारी थी. इसकी उम्मीद भी की जा रही थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. चुनाव के बाद मानसून का सीजन आ जाएगा. मानसून सीजन में अग्नि प्रभावित क्षेत्र की स्थिति गंभीर हो जाती है. फिलहाल आचार संहिता लागू है. इस कारण अब चुनाव के बाद ही संशोधित मास्टर प्लान को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. झरिया पुनर्वास योजना देश की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना है.
जमीन के नीचे यहां आग, ऊपर बिंदास जिंदगी
जमीन के नीचे यहां आग लगी हुई है और अभी भी जमीन से ऊपर लोग बिंदास जिंदगी जी रहे है. हालांकि धसान की घटनाएं होती रही है. लोगों को विचलित करती रही है, बावजूद लोग झरिया छोड़ना नहीं चाहते. उनका कहना है कि जहां शिफ्टिंग कराई जा रही है, वहां ना रोजगार के साधन है. और ना मूलभूत सुविधाएं मौजूद है. झरिया की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. झरिया की अपनी एक अलग कहानी है. संशोधित पुनर्वास योजना की लोग प्रतीक्षा कर रहे है. कई बार इसके सर्वे हुए हैं, नए नियम कायदे बने. अब देखना है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद तत्काल इस पर निर्णय लिया जाता है अथवा आगे और विलंब होता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो