जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर में 3 मार्च को संस्थापक दिवस मनाया जाता है, जिसको लेकर लौहनगरी जमशेदपुर शहर को दुल्हन की तरह सजाया संवारा जा रहा है. जमशेदपुर में स्थित टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) के फाउन्डर जमशेदजी टाटा थे और इसकी स्थापना 26 अगस्त 1907 को दोराबजी टाटा ने की थी. टिस्को ने 1911 में लोहे का उत्पादन शुरू किया और जमशेदजी के टाटा समूह की एक शाखा के रूप में 1912 में स्टील का उत्पादन शुरू किया.
जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के सम्मान में बदला गया शहर का नाम
जमशेदपुर का पहले नाम साकची था. 1919 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने अपने संस्थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम बदलकर जमशेदपुर कर दिया गया. जिसके बाद से 3 मार्च को हर साल संस्थापक दिवस धूमधाम से मनाया जाता है, जिसको लेकर टाटा प्रबंधन द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है. हालांकि दो साल कोरोना के चलते इसे धूमधाम से नहीं मनाया गया था. मगर इस बार इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही, जहां संस्थापक दिवस पर जमशेदपुर नसरवानजी टाटा कि प्रतिमा माल्यार्पण कर उन्हें याद किया जाता है, तो वहीं इस अवसर पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. फाउन्डर डे के दिन शहर के लोगो को कई सौगात दी जाती है, जिसको लेकर शहर के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है.
शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा
संस्थापक दिवस को लेकर जमशेदपुर शहर को दुल्हन की तरह सजाया संवारा जा रहा है, शहर के जुबली पार्क को रंग बिरंगे विद्युत सज्जा से सजाया जा रहा है, तो वहीं इस बार पूरे शहर के चौक चौराहों के साथ सड़कों को भी रंग बिरंगी लाइट से दुल्हन की तरह सजाया गया है. वहीं दूसरी तरफ शहर का नाम क्लीन एंड ग्रीन सिटी के नाम से जाना जाता है, उसको लेकर भी जहां पूरे शहर को साफ सुथरा किया गया, तो वहीं शहर के तमाम पेड़ों को रंग-बिरंगे लाइट से सजाया गया है.
दूसरे राज्य के लोग भी करते हैं इस दिन का बेसब्री से इंतजार
एक तरफ टाटा प्रबंधन द्वारा संस्थापक दिवस को ऐतिहासिक बनाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ शहर के साथ झारखंड के बगल राज्य के बिहार-उड़ीसा-बंगाल-छत्तीसगढ़ राज्य के लोग भी संस्थापक दिवस का बेसब्री से इंतजार करते हैं. लोगों का कहना है कि बचपन में परिवार के साथ जुबली पार्क के रंग बिरंगी विद्युत सजावट देखने जाते थे, मगर अब 40 साल बाद भी उसी तरह की तस्वीर देखने से अपना बचपन याद आ जाता है. अब जुबली पार्क के साथ पूरा शहर विद्युत सजा से पटा रहता है. इसे देख जहां अपना बचपन याद आता है तो युवा घड़ी को शहर की पुरानी यादें अपने को मिलती है.
बता दें कि इस विद्युत सजा के साथ-साथ जमशेदपुर की पूरी कहानी दिखाई जाती है, जिससे जमशेदपुर के युवा पीढ़ी को भी शहर की कहानी की जानकारी मिलती है. वहीं इसे देखने जमशेदपुर के साथ-साथ उड़ीसा, बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ के लोग भी यहां पहुंचते हैं, और शहर की कहानी की जानकारी लेते हैं.
इस बार 3 मार्च का संस्थापक दिवस ऐतिहासिक बनाने जा रहा है, उसकी तैयारी हो रही है. वहीं दूसरी तरफ शहर के लोगों को सड़क और कई पार्क की सौगात मिलेगी और कई सुविधाएं भी मिलेगी.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर