धनबाद(DHANBAD): ईसीएल के दौरे पर बंगाल पहुंचे केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा है कि अवैध खनन रोकना राज्य सरकार की जवाबदेही है. सीआईएसएफ अपना काम करती है लेकिन f.i.r. से लेकर कोर्ट में मामले को ले जाने की जिम्मेवारी स्थानीय पुलिस की है. अवैध खनन को लेकर बार-बार राज्य सरकार से संवाद होता रहता है. इधर , बेनी डीह में फायरिंग की घटना के बाद धनबाद पहुंचे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री सह धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि कोयला चोरी रोकना सीआईएसएफ का काम है. जिला पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने में सीआईएसएफ की मदद कर सकती है. हालांकि, उन्होंने कोयला चोरी में शामिल होने से धनबाद जिला पुलिस को क्लीन चिट नहीं दी थी. लेकिन अब सवाल है कि आखिर कोयला चोरी रोकने की जिम्मेवारी जब तक तय नहीं होगी, तब तक इस तरह से फेकाफेकी का काम चलता रहेगा. इधर, 19 नवंबर की रात सीआईएसएफ की फायरिंग में मारे गए चार लोगों एवं दो घायलों की जांच तेज हो गई है. मृतक के परिजनों से केस के आई ओ ने पूछताछ की है. मृतक के तीन परिजनों ने थाने में लिखित शिकायत की है. चौथे ने भी अपना बयान दर्ज कराया है. इधर CISF ने भी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है. सूचना के अनुसार गोली से मारे गए तीन के परिजनों की शिकायत मिलने के बाद पुलिस थोड़ी उलझन में है. किस की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया जाए,और कैसे किया जाए, इस पर विचार चल रहा है. क्योंकि घटना एक ही है, इसलिए f.i.r. भी एक ही हो सकता है . यह भी संभावना है कि इस मामले की जांच सीआईडी अपने हाथों में ले ले. चर्चा यह भी है कि अगर मामला दर्ज हुआ तो सीआईएसएफ की QRT टीम, बीसीसीएल प्रबंधन और कोयला तस्कर आरोपी हो सकते है. आपको बता दें कि 19 नवंबर की रात बाघमारा की बेनी डीह साइडिंग में कोयला चोरों और सीआईएसएफ के बीच भिड़ंत हो गई थी. सीआईएसएफ का कहना है कि कोयला चोरों ने उन पर हमला बोल दिया था. पत्थरबाजी कर रहे थे और हथियार छीनने की कोशिश कर रहे थे. अपनी जान पर खतरा देख फायरिंग की गई है. कोयला चोरी रोकने की जिम्मेदारी किसकी है, यह जब तक तय नहीं होगा ,तब तक इसी तरह की घटनाएं होती रहेगी.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद