धनबाद (DHANBAD): कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद भी इंटक का विवाद कम होता नहीं दिख रहा है. सोनिया गांधी से लेकर खड़गे, दिग्विजय सिंह सहित अन्य ने हस्तक्षेप किया, बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली में अभी हुए सम्मेलन में डॉक्टर संजीव रेड्डी को फिर से इंटक का अध्यक्ष चुन लिया गया है. संजीव रेड्डी की उम्र के कारण उम्मीद की जा रही थी कि इस बार कोई दूसरा अध्यक्ष बन सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इंटक में जेबीसीसीआई सदस्यता के लिए दूसरी लिस्ट का मामला इंटक अध्यक्ष डॉक्टर संजीव रेड्डी तक पहुंचा है. इंटक सचिव एके झा के अनुसार इंटक अध्यक्ष संजीव रेड्डी दूसरी लिस्ट भेजे जाने से नाराज हैं.
रेड्डी गुट से ही जुड़ा है विवाद
इंटक अध्यक्ष संजीव रेड्डी ने कोल इंडिया प्रबंधन से कहा है कि फेडरेशन के अध्यक्ष जय मंगल सिंह है, इसलिए जय मंगल सिंह की ओर से भेजी गई लिस्ट को ही स्वीकार करें. एके झा के अनुसार दूसरी लिस्ट भेजे जाने का इंटक अध्यक्ष जांच करवाएंगे और कार्रवाई भी होगी. कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले के बाद फेडरेशन के अध्यक्ष जय मंगल सिंह ने जेबीसीसीआई के लिए इंटक कोटे से सदस्यों के नाम भेजे थे, इसके बाद ललन चौबे ने भी स्वयं को फेडरेशन का अध्यक्ष करार देते हुए जेबीसीसीआई सदा के लिए दूसरी लिस्ट भेज दी है. ललन चौबे ने कहा था कि पूरी प्रक्रिया का पालन कर कोल इंडिया को सूची भेजी गई है. हालांकि अब दोनों खेमा रेड्डी गुट से ही जुड़ा हुआ है. इधर, रेड्डी गुट का प्रतिद्वंदी खेमा ददई दुबे और तिवारी पहले से ही नाराज है और कोलकाता उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. मौजूदा खींचतान में इंटक को जगह जेबीसीसीआई में मिलेगी अथवा नहीं, यह कहना अभी कठिन है. इंटक अभी जेबीसीसीआई से बाहर है. विवाद के कारण ही ऐसी स्थिति हुई है. इंटक के विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने भरसक प्रयास किया. जांच समिति बनाई, सभी पक्षों की बातें सुनी. उसके बाद फैसला आया कि रेड्डी गुट असली इंटक है, लेकिन देश के कई न्यायालयों में इंटक का विवाद चल रहा है. देखना होगा कि इंटक में आगे-आगे होता है क्या.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद