रांची (TNP Desk) : आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. आज का दिन महिलाओं के लिए बहुत खास है. इंटरनेशनल वुमेन्स डे पर रेलवे से लेकर बैंकिंग सेक्टर तक महिलाओं को कमान सौंपी गई है. जगह-जगह पर महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है और उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है. महिला दिवस पर आज हम ऐसी कुछ भारतीय महिलाओं की बात करेंगे जिन्होंने समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत की प्ररेणादायक महिलाओं में इनका नाम शामिल हुआ. यह महिलाएं समाज में बदलाव लाई और अनेक महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी. इन आयरन लेडीज़ ने समाज को दिखाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकती. इन महिलाओं ने यह दिखाया कि इनके पास इतनी शक्ति हैं कि वह रास्ते में आने वाली अड़चनों को झटकों में दूर कर सकती हैं. महिलाओं की इस लिस्ट पर ही बात खत्म नहीं होती हैं हमें हर महिला का सम्मान करना चाहिए. एक गृहिणी से लेकर कामकाजी महिला, स्पोर्ट्स वुमेन, ऐक्टिविस्ट सभी महिला हर तरह से समाज को अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.
आज की तारीख में महिलाएं समाज द्वारा निर्धारित नियम से ऊपर उठ रही हैं और राजनीति से लेकर व्यापार तक कार्य करने के तरीके को बदल रही हैं. विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएं उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. वे कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए सबसे बड़े उदाहरणों में से एक हैं. चाहे देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हो या बिजनेसवूमेन सावित्री जिंदल सभी ने अपना लोहा मनवाया है. आइए मिलते हैं ऐसी टॉप 5 भारतीय महिलाओं से जिन्होंने न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में भी भारतीय को ग्लोबल मैप्स पर पहुंचा दिया है.
राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली जनजातीय महिला हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं. वह भारत की पहली राष्ट्रपति हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है. द्रौपदी मुर्मू दुनिया की हर उस स्त्री के लिए शक्ति और प्रेरणा का स्वरूप हैं जो समाज की हर बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करके खुद के दम पर अपनी पहचान बनाने का विश्वास रखती है. किसान परिवार में जन्मी द्रौपदी मुर्मू संथाल समुदाय से आती हैं. 1997 में द्रौपदी मूर्मु पहली बार राजनीति में शामिल हुईं और ओडिशा के मयुरभंज जिले के रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद चुनी गईं. उन्होंने 2002 से 2009 तक रायरंगपुर विधासभा क्षेत्र से दो बार विधायक और एक बार ओडिशा सरकार में वाणिज्य, परिवहन, मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री के रूप में कार्य किया. 18 मई, 2015 को द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के राज्यपाल बनी थी. वह राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं. द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली जनजातीय महिला हैं.
भारत की सबसे अमीर महिला हैं सावित्री जिंदल
भारत में सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में सावित्री जिंदल ने बाजी मारी है. वे भारत की सबसे अमीर महिला हैं. सावित्री जिंदल ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरमैन हैं. वे देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में छठे स्थान पर आती हैं और महिलाओं की लिस्ट में पहले नंबर पर हैं. जिंदल फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर्स लिस्ट में 94वें नंबर पर हैं. 73 साल की सावित्री की नेटवर्थ 17 अरब डॉलर है. अपने पति की मौत के बाद से वो ही कारोबार संभाल रही हैं. सावित्री जिंदल के बाद देश की टॉप अरबपति महिलाओं की लिस्ट में रोशनी नादर मल्होत्रा, रेखा झुनझुनवाला, फाल्गुनी नायर, किरण मजूमदार शॉ के नाम हैं.
देश की टॉप-5 अमीर महिलाओं में शामिल हैं रोशनी नादर
रोशनी नादर मल्होत्रा देश की टॉप-5 अमीर महिलाओं में शामिल हैं. बीते साल जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार रोशनी नादर की कुल संपत्ति 84,330 करोड़ रुपये है. रोशनी नादर एचसीएल की चेयरपर्सन हैं. रोशनी के पिता शिव नादर भारत के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं.
रेखा झुनझुनवाला की नेटवर्थ 5.9 अरब डॉलर
बिग बुल के नाम से पहचाने जाने वाले दिवंगत राकेश झुनझुनवाला को कौन नहीं जानता. वे शेयर मार्केट के दिग्गज निवेशक थे. उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला देश की टॉप-5 अमीर महिलाओं में शामिल हैं. रेखा झुनझुनवाला की नेटवर्थ 5.9 अरब डॉलर या 47,650.76 करोड़ रुपये है. रेखा झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाइटन, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस और मेट्रो ब्रांड्स शामिल है.
भारतीय महिला क्रिकेट की “कैप्टन कूल“ मिताली राज ने बनाई अपनी अलग पहचान
मिताली राज, जिन्हें अक्सर भारतीय महिला क्रिकेट की “कैप्टन कूल“ कहा जाता है. खेल में एक महान हस्ती हैं. 3 दिसंबर 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली ने 16 साल की छोटी उम्र में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. वह तेजी से आगे बढ़ती गईं और खुद को दुनिया की सबसे विश्वसनीय बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया. भारतीय क्रिकेट में मिताली राज का योगदान अद्वितीय है. वह महिला वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने शानदार करियर के दौरान 6,000 से अधिक रन बनाए हैं. उनकी त्रुटिहीन तकनीक, पारी को संभालने की क्षमता और दबाव में शांत व्यवहार ने उन्हें उभरते क्रिकेटरों के लिए एक आदर्श बना दिया है. उनके नेतृत्व में, भारतीय महिला टीम 2005 विश्व कप के फाइनल और 2017 में सेमीफाइनल तक पहुंची. मिताली के खेल के प्रति समर्पण और उनके नेतृत्व कौशल ने भारत में महिला क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त किया है.