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बैंगलोर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला शुरू,झारखंड के स्टॉल का मंत्री शिल्पी ने किया उद्घाटन,कहा- मोटा अनाज  की क्रांति आने वाले भविष्य की जरूरत

बैंगलोर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला शुरू,झारखंड के स्टॉल का मंत्री शिल्पी ने किया उद्घाटन,कहा- मोटा अनाज  की क्रांति आने वाले भविष्य की जरूरत

रांची(RANCHI): जैविक खेती और श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम कर रही है. कर्नाटक सरकार ने 23 से 25 जनवरी तक बेंगलुरु में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला लगाया गया है.इस मेले में झारखंड के भी स्टॉल शामिल है. मेला का उद्घाटन गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की कई गणमान्य लोगों ने संयुक्त रूप से किया.  

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में झारखंड के स्टॉल का उदघाटन कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया. इस मौके पर विभागीय सचिव अबुबकर सिद्दीकी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.मौके पर  मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने इस वृहद आयोजन के लिए कर्नाटक सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा कि झारखंड और कर्नाटक के बीच कई तरह की समानताएं है. खासकर मिलेट की बात करे तो दोनों राज्य में ये समान रूप से देखने को मिलेगा.पौराणिक काल से झारखंड और कर्नाटक में मिलेट के उत्पाद और उपयोग की परपंरा रही है.

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि ये गर्व की बात है कि अभी भी आदिवासी समाज मिलेट की खेती से जुड़े है. इसके साथ ही मुझे इस बात का गर्व है कि मैं आदिवासी समाज के उरांव जाति से आती हूं. मिलेट हमारे भोजन का मुख्य अनाज है. मिलेट को  एक समय में  गरीबों का भोजन कहा जाता था. आज लोग इसकी जानकारी भी ले रहे है और इसे बड़े चाव से खा भी रहे है. पूरे देश में झारखंड और कर्नाटक ऐसे दो राज्य है जो मिलेट का उपयोग कर रहे है. बदलते समय में चावल और गेहूं को भी मुख्य आहार के रूप में लोगों ने अपनाया है.

हमारे स्वास्थ्य और मौसम के लिहाज से मोटा अनाज जायदा फायदेमंद है . इसको आसानी से लगाया जा सकता है. चावल और गेहूं की तुलना में अब देश की सरकारों मोटा अनाज को बढ़ा देने में जुटी है . मोटा अनाज की क्रांति हमारे आने वाले भविष्य के लिए जरूरी है. झारखंड और कर्नाटक मिल कर ऐसे किसानों को सहयोग कर सकती है जो मोटा अनाज के फसल से जुड़े है. झारखंड में मिलेट पॉलिसी के तहत किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मोटा अनाज के लिए बाजार मुहैया कराने में ये नीति कारगर साबित होगी. 

झारखंड मिलेट मिशन के तहत किसानों को 3 हजार रुपया प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है . वैसे  FPO को प्रोत्साहित किया जा रहा है जो मोटा अनाज की खेती से जुड़े है . इस मिशन की सफलता में  ICR ,  IMR ,स्टेट यूनिवर्सिटी की बड़ी भूमिका रहेगी . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि गुमला में मडुआ की खेती पर हावर्ड यूनिवर्सिटी  केस स्टडी कर रहा है . पहले इसे गरीब किसान के साथ जोड़कर देखा जाता था . जहां मोटे अनाज की खेती हो रही है. ऐसे जिले कुपोषण से लड़ने में मददगार साबित हो रहे है . इस मुहिम को राज्य स्तर से ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत है .

Published at:23 Jan 2025 07:05 PM (IST)
Tags:International trade fair started in Bangalore Jharkhand minister Shilpi inaugurated the stall said- revolution of coarse grains is needed in the coming future.shilpi neha tirkeyshilpi neha tirkey jharkhandcongress mla shilpi neha tirkeyshilpi neha tirkey newsshilpi neha tirkey congressbandhu tirkey daughter shilpi neha tirkeymla shilpi neha tirkeyshilpi neha tirkey videoshilpi neha tirkey ageshilpi neha tirkey bandhu tirkeyshilpi neha tirkey ranchishilpi neha tirkey nominationmrs. shilpi neha tirkeyshilpi neha tirkey khabarshilpi neha tirkey met cm sorenshilpi neha tirki video
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