टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- डुमरी विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आते जा रही है. सभी पार्टियों की धड़कने भी बढ़ते जा रही है, जहां हर कोई अपने आप को साबित करने के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं. एक नजर से देखे तो 5 सितंबर को होनेवाला मतदान सिर्फ एक चुनाव नहीं है. बल्कि I.N.D.I.A और N.D.A का झारखंड में पहला घमासान भी है. जहां लोकसभा चुनाव से पहले जनता का क्या मूड है, ये भी बहुत हद तक भांप जा सकेगा. 6 अप्रैल को झारखंड के शिक्षा मंत्री और कद्दावर नेता जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई, इस सीट पर उनकी पत्नी बेबी देवी जेएमएम से चुनावी मैदान में है. जहां उनकी टक्कर एनडीए की तरफ से उतारी गई, आजसू की उम्मीदवार यशोदा देवी से मानी जा रही है. हालांकि इसका अभी कोई औपचारिक एलान नहीं हुआ है. लेकिन, ये तय माना जा रहा है.
I.N.D.I.A और N.D.A
डुमरी उपचुनाव राज्य का छठा उपचुनाव है, जहां जेएमएम और आजसू के बीच ही जीत की जंग नहीं होगी, बल्कि देश में हो रहे सात उपचुनाव में झारखंड में I.N.D.I.A और N.D.A में कौन ज्यादा ताकतवर है, इसकी भी पहली आजमाइश होगी. जो लोकसभा चुनाव के पहले प्री टेस्ट माना जा रहा है. इससे वोटर्स का मिजाज भी भांपा जायेगा. इस चुनाव को एनडीए बनाम इंडिया के बीच पहली लड़ाई के तौर पर भी झारखंड में देखा जा रहा है. जहां सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए चुनौती है.
दो महिला उम्मीदवारों की जंग
बेबी देवी को हेमंत सोरेन सरकार ने उपचुनाव से पहले ही मंत्री बना दिया था. लिहाजा उनके सामने प्रत्याशी का झंझट तो नहीं था. लेकिन, एनडीए गठबंधन को देखे तो पिछली बार चुनाव में आजसू और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. इसबार रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद यह समझ आ गयी है, कि मिलकर ही लड़ने में फायदा है. लिहाजा, आजसू की तरफ से यशोदा देवी इस बार बेबी देवी को टक्कर देगी. भारतीय जनता पार्टी आजसू को इस चुनाव में समर्थन कर रही है. हालांकि, यशोदा देवी का नाम अंदर-अंदर तो तय है, अभी इसका औपचारिक एलान नहीं हुआ है. हालांकि, पहले एलान कर दिया जाता तो, इससे एनडीए गठबंधन को ही फायदा होता.
पिछले चुनाव के चुनावी आंकड़े
डुमरी विधानसभा चुनाव के पिछले आंकड़े देखे तो ये साफ झलकता है कि अगर बीजेपी और आजसू मिलकर चुनाव लड़ती तो दिवंगत जगरनाथ महतो नहीं जीत पाते. जो यहां साफ दिखाई पड़ता है कि आजसू से चुनाव लड़ी यशोदा देवी दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि बीजेपी के प्रदीप साहू तीसरे पोजिशन पर थे. विजयी जगरनाथ महतो को 71128 वोट मिले थे, जबकि यशोदा देवी को 36840 वोट मिले. इस सीट पर बीजेपी ने प्रदीप साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्हें कुल 36018 वोट मिले . आजसू औऱ बीजेपी के बीच वोटो का अंतर 827 ही था. अगर बीजेपी और आजसू मिलकर लड़ती तो चुनाव जीत सकते थे. खैर इसबार साथ लड़ने का फैसला लिया गया है, इससे तो यह इशारा साफ दिख रहा है कि जोरदार टक्कर होगी.
सहानूभूति की लहर के साथ जेएमएम
इसमे कोई शक नहीं है कि पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद बेबी देवी को सहानूभूति वोट मिलेगी, लिहाजा उनके लिए चुनाव में बाजी मारना थोड़ा आसान हो सकता है. हालांकि, उनके दिवंगत पति जगरनाथ महतो एक जमीनी औऱ कद्दावर नेता थे. उनके करिश्माई नेतृत्व का ही नतीजा था कि लगातार चार बार यहां विधायक चुने गये. लिहाजा, उनकी विरासत का असर भी यहां रहेगा.
खैर, मैदान तो सज गया है, इसे लेकर फील्डिंग भी तेज हो गयी. अब महीने भर से भी कम वक्त बचा हुआ है. पिक्चर साफ हो जाएगी कि आखिर कौन डुमरी का अगला विधायक बनेगा. 8 सितंबर के शाम-शाम तक इसकी तस्वीर साफ हो जाएगी . अभी डुमरी में प्रचार-प्रसार में तेजी देखने को मिलेगी. जहां राष्ट्रीय नेताओं का भी जमावडा लगेगा. देखा जाए तो ये सिर्फ विधानसभा चुनाव नहीं है, बल्कि झारखंड में I.N.D.I.A और N.D.A की पहली लड़ाई है. जिसका आगाज डुमरी विधानसभा उपचुनाव से हो रहा है.
रिपोर्ट-शिवपूजन सिंह