रांची(RANCHI): मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इतिहासिक मोरहाबादी मैदान में ध्वजारोहण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हम स्वतंत्रता दिवस बड़े धूम धाम से मना रहे है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे सवंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान ने आज़ादी दिलाई है. झारखंड के वीर शहीद भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिधो कान्हो, नीलाम्बर पीताम्बर को नमन किया.
हमारी सरकार आने के बाद पुरानी पेंशन लागू किया,पिछडों को आरक्षण देने का काम किया.पहली बार सरकार जनता के द्वारा गयी और उनके काम को ऑन स्पॉट करने का काम किया. हमने वादा किया था कि तीन कमरों का आवास देंगे. राज्य सरकार अब अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का घर देने का काम करेंगे.राज्य की ग्रामीण महिलाओं को फूलों झानो योजना के तहत स्वालम्बी बनाने का काम कर है है.
आपकी सरकार आपकी योजना आपके द्वारा कार्यक्रम को इस वर्ष फिर से शुरू किया जाएगा. नियुक्ति के मामले में लगातार काम किया जा रहा है इस साल 36 हज़ार पदों पर नियुक्ति निकाली गई है. सरकार कोशिश कर रही है कि नियुक्ति में झारखंडी युवाओं को ज्यादा प्राथमिकता दी जायेगी. हमने राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों से रोजगार प्रोत्साहन भत्ता एवं कौशल प्रशिक्षण का वादा किया था. आज इस मंच से मुझे यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने हेतु कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित्त "मुख्यमंत्री सारथी योजना" प्रारंभ की गई है. इस योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में 80 प्रखण्ड मुख्यालयों पर 'बिरसा केन्द्र' की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत झारखण्ड के लाखों युवाओं को बिरसा केन्द्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ रोजगार प्रोत्साहन भत्ता एवं परिवहन भत्ता भी दिया जा रहा है.
राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक वर्ग एवं दिव्यांग युवाओं को स्वरोजगार / स्वयं के व्यवसाय शुरू करने हेतु सस्ते एवं अनुदानित दर पर ऋण देने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना संचालित है.वर्ष 2022 में लाभुकों के हितों के लिये इस योजना के प्रावधानों को सरल एवं उदार बनाते आवेदकों की अधिकतम उम्र सीमा को 45 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष कर दिया गया है. अब 50 हजार रुपये तक ऋण के लिए किसी भी गारन्टर की आवश्यकता नहीं है तथा 50 हजार रुपये से अधिक के ऋण के लिए सिर्फ एक गारन्टर का प्रावधान रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत् कुल 105 करोड़ ऋण की राशि विमुक्त की गई है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस योजना का और विस्तार किया जाएगा.
हमारी सरकार पूरी तत्परता के साथ प्रोन्नति के अड़चनों को दूर कर कार्यरत पदाधिकारियों की समयबद्ध प्रोन्नति सुनिश्चित कर रही है.विगत दिनों झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के 190 पदाधिकारियों को प्रोन्नति प्रदान की गई है. साथ ही झाखण्ड पुलिस सेवा के 2 पदाधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में तथा झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के 41 पदाधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति दी गई है.
“सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' के सिद्धांत को लक्ष्य कर हमने सर्वजन पेंशन योजना की शुरुआत की है जिससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हमारे वृद्ध, निराश्रित महिलाएं एवं दिव्यांगजनों को सम्मान से जीवन जीने का हक प्राप्त हो सके. राज्य सरकार अपने लोक कल्याणकारी दायित्वों का निर्वहन करते हुए लगभग 35 लाख लाभुकों को विभिन्न योजनान्तर्गत पेंशन प्रदान कर रही है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह जुलाई, 2023 तक कुल 14 सौ करोड़ रुपये पेंशन भुगतान पर व्यय किया गया है.
कुपोषण एवं एनिमिया उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध हमारी सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूरक पौष्टिक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है. वर्तमान में लगभग 35 लाख लाभुकों को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है. 03-06 वर्ष के नौनिहालों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर गर्म ताजा पका भोजन दिया जा रहा है.
बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, यह सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. आधुनिक शिक्षा व्यवस्था एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए झारखण्ड के बच्चों को Quality Education एवं बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की सोच के साथ 80 CM School of Excellence का उद्घाटन किया गया है, जहाँ निजी विद्यालयों की तर्ज पर बच्चों को शिक्षा दी जायेगी. इन विद्यालयों को CBSE से संबद्ध किया गया है तथा नामांकन हेतु जिला स्तर पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है.साथ ही इन विद्यालयों में पाठ्यक्रम आधारित कक्षावार एवं विषयवार पुस्तक भी उपलब्ध करायी जा रही है.
राज्य के वैसे छात्र जो 12वीं कक्षा उर्त्तीण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है. मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा एकलव्य प्रशिक्षण योजना के माध्यम से छात्र/छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण एवं कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. राजकीयकृत प्रारम्भिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सहायक आचार्य के 26000 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है.
कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र / छात्राओं की शिक्षा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत् इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 33 लाख छात्र / छात्राओं को 724 करोड़ रुपये की राशि एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत 2 लाख पचास हजार छात्र/छात्राओं को 315 करोड़
रुपये की राशि का भुगतान किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. भारत सरकार द्वारा झारखण्ड के लिये मनरेगा अन्तर्गत निर्धारित प्रति मानव दिवस मजदूरी दर 228/- रुपये के अतिरिक्त 27 /- रुपये की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है.
राज्य के सभी किसानों के पास खेती करने के लिए पर्याप्त सिंचाई के साधन उपलब्ध हों, इसके लिए हमारी सरकार के द्वारा बिरसा सिंचाई कूप योजना के नाम से एक नई योजना प्रारंभ की गई है.इस योजना के तहत् 1 लाख कुओं का निर्माण किया जायेगा.वर्तमान वित्तीय वर्ष में 50 हजार कुओं तथा 15 नवम्बर 2024 तक शेष 50 हजार कुओं निर्माण का कार्य पूर्ण किया जायेगा.इस योजना के लाभार्थियों के चयन में बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभार्थी, कृषि कार्य से संबंधित लाभुक तथा बाबा साहेब अंबेडकर आवास योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जा रही है. इस योजना से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा तथा जल के सदुपयोग के प्रति लोगों में जागरूकता का संचार भी होगा.
महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दीदी बाड़ी एवं दीदी बगिया योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है.ग्रामीणों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत इस वर्ष लगभग 45 हजार परिवारों के लिए कुल 50,000 एकड़ भूमि पर बागवानी का कार्य किया जा रहा है. राज्य में सिंचाई सुविधा का विस्तार करने की दिशा में कुल 49 सिंचाई योजनाओं का पुनरूद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया है जिससे लगभग 54 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई सुविधा पुनर्बहाल की गयी है एवं विभिन्न जिलों में 24 योजनाओं के नहरों का पुनरूद्धार कार्य प्रगति पर है, जिसे अगले वर्ष में पूर्ण कर अतिरिक्त 42 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सिंचाई सुविधा पुनर्बहाल की जा सकेगी.
राज्यवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं. जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक राज्य के कुल 61 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत घरेलू नल जल (FHTC) के द्वारा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 23 लाख 80 हजार परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया जा चुका है.
स्वच्छ ऊर्जा समय की माँग है.हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और स्वच्छ ऊर्जा का सबसे बेहतर विकल्प भी. इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा जमशेदपुर में देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन उद्योग लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है. स्वच्छ पर्यावरण के लिए "नेट जीरो' उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में झारखण्ड अग्रणी भूमिका निभा रहा है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड सौर ऊर्जा नीति, 2022 लागू की गई है। इसके अन्तर्गत अगले 05 वर्षों में राज्य में समेकित रूप से लगभग 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.इसके अतिरिक्त झारखण्ड विद्युत वाहन नीति, 2022 एवं झारखण्ड इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2022 लागू की गयी है.गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्रवाई की जा रही है.