धनबाद(DHANBAD): रंगदारी गिरोह के आतंक और गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ सोमवार को धनबाद के चेंबर सदस्यों ने आर, पार की लड़ाई की ठानी थी. लेकिन बीच में कुछ पेंच फंस गया. सवाल उठने लगे कि बैठक में एस एसपी संजीव कुमार कैसे पहुंचे, कारोबारी अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट में क्यों रहे और कब तक रहे, मंत्री से लेकर अधिकारियों तक गुहार की गई, लेकिन कोई राहत क्यों नहीं मिली, आक्रोश इतना चरम पर था कि एस एसपी के सामने ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगने लगे. हालांकि एस एसपी के आश्वासन के बाद चेंबर ने 15 दोनों का समय दिया और 22 सितंबर से बेमियादी हड़ताल के निर्णय को टाल दिया. एस एसपी संजीव कुमार हड़ताल को टालने में तो सफल रहे लेकिन इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की जिम्मेवारी बढ़ गई है.
बैठक में लिया निर्णय, सकारात्मक पहल नहीं हुई तो बेमियादी बंदी होगी
हाल के दिनों में चेंबर की इतनी बड़ी बैठक नहीं हुई थी. इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन का हॉल खचाखच भरा हुआ था. बैठने की जगह नहीं थी. पहुंचे लोग बाहर खड़े थे. इस बैठक में सिर्फ कारोबारी ही नहीं, डॉक्टर, समाजसेवी और उद्योगपतियों का भी साथ मिला. एस एसपी के पहुंचने के बाद भी घंटों बैठक चली. फिर अंत में निर्णय हुआ कि 15 दिनों का समय दिया जाए. सकारात्मक पहल नहीं हुई तो बेमियादी बंदी होगी. उसके बाद जिला चेंबर के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने हड़ताल टालने की घोषणा की. एस एसपी ने भरोसा दिया कि सुरक्षा की गारंटी वह लेते हैं. रंगदारी की घटनाएं पुलिस के लिए भी चुनौती है. कारोबारी को सुरक्षित माहौल नहीं देना पुलिस की विफलता है. आश्वस्त किया कि पुलिस उन्हें हर तरह की सुरक्षा देगी. भय मुक्त होकर वह अपना कारोबार करें. जल्द ही सभी अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
डीएसपी हेड क्वार्टर को नोडल पदाधिकारी बनाने की घोषणा
आर्म्स लाइसेंस नहीं मिलने का भी मुद्दा उठा. एस एसपी ने इस दिशा में पहल करते हुए डीएसपी हेड क्वार्टर को नोडल पदाधिकारी बनाने की घोषणा की. एस एसपी ने कहा कि किसी भी परेशानी पर तत्काल पुलिस से संपर्क करें. उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा. इसके बाद चेंबर ने 15 दिनों तक बेमियादी बंदी को टाल दिया. जो भी हो लेकिन हाल के दिनों में धनबाद में आतंक का माहौल कायम हो गया है. मंत्री से लेकर अधिकारियों तक से भी पीड़ा बताने के बाद उन्हें राहत नहीं मिल रही है. जो भी हो एस एसपी ने आश्वासन देकर चेंबर का विश्वास जीतने का प्रयास जरूर किया है और बेमियादी बंदी को टालने में सफल हो गए हैं. लेकिन इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की जिम्मेवारी और अधिक बढ़ गई है .पुलिस को चौकस रहना होगा ,फायरिंग गैंग के आतंक को तोड़ना होगा. देखना है आगे होता है क्या. पुलिस एक्शन से राहत मिलती है या फिर धंधा करने वाले बेमियादी हड़ताल की ओर जाते है.
रिपोर्ट; धनबाद ब्यूरो