दुमका(DUMKA): सावन का पावन महीना चल रहा है. दुमका के बासुकीनाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला लगा है. बासुकीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु कुछ खरीदे या ना खरीदे हरी चूड़ियां जरूर खरीदते हैं. खासकर महिला श्रद्धालु की भीड़ चूड़ी की दुकानों पर देखने को मिल रही है.
जानिए हरी चूड़ियां पहनने की वजह
कहा जाता है कि हरा रंग देवाधिदेव महादेव को अति प्रिय है. यह रंग हरियाली का प्रतीक है. तेज धूप और उमस भरी गर्मी के बाद जब बर्षा ऋतु का आगमन होता है और वर्षा की बूंदें धरा पर गिरती है तो पेड़ पौधे में हरी पत्तियां आती है. जिस वजह से हर तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है. कहा जाता है कि सावन के महीने में ही शिव और पार्वती का मिलन हुआ था. इसी महीने में हरित तालिका तीज व्रत मनाया जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए होता है जो अपने सुहाग की सलामती के लिए हरे रंग की चूड़ियां और वस्त्र धारण करती है.
हरे चूड़ियों की बढ़ी डिमांड
सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियों की मांग काफी बढ़ जाती है. हर कोई धार्मिक स्थल से सुहाग सामग्री की खरीददारी करते है. यही वजह है कि बासुकीनाथ धाम में सावन के महीने में जब राजकीय श्रावणी मेला लगता है तो चूड़ी की दुकानों पर काफी भीड़ नजर आती है. चूड़ी विक्रेता को भी सावन महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है. दुकानदार अपनी दुकानों में तरह तरह की चूड़ियों का स्टॉक रखते है. श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुरूप चूड़ियों की खरीददारी करते हैं.
रिपोर्ट: पंचम झा