रांची (RANCHI) : ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2025 का 8वां संस्करण आज यानी 10 फरवरी को आयोजित हुआ. इसके लिए पहले तीन महीना पहले से तैयारी शुरू कर दी गई थी. पूरे देश से 3 करोड़ 60 लाख रजिस्ट्रेशन आए थे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में स्टूडेंट के अलावा अभिभावक और शिक्षक भी शामिल हुए. इस तरह के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आज कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर अपने सुझाव दिए. उन्होंने बच्चों से कहा कि परीक्षा का तनाव जरा भी नहीं लेना है, परीक्षा ही सब कुछ है ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि आत्मबल को मजबूत करते हुए मेहनत और ईमानदारी से किया गया प्रयास सफलता प्रदान करता ही है. इस कार्यक्रम में कई जगह से लोग जुड़े. रांची से भी इस कार्यक्रम में बच्चों ने हिस्सा लिया.
रांची के जिला स्कूल में राज्यपाल हुए शामिल
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज जिला स्कूल रांची के बच्चों एवं शिक्षकों के साथ प्रधानमंत्री जी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा. इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘परीक्षा पे चर्चा’ विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायी पहल है. यह न केवल परीक्षा संबंधी तनाव कम करने का माध्यम है, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच से आगे बढ़ने की प्रेरणा भी प्रदान करता है.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि परीक्षा केवल अंकों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह धैर्य, समर्पण और आत्मविश्वास की परीक्षा भी होती है.‘परीक्षा पे चर्चा’ यह सिखाता है कि तनाव से मुक्त होकर आत्मविश्वास के साथ एक स्पष्ट योजना बनाकर परीक्षाओं का सामना किया जाए.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने जिला स्कूल के इतिहास पर भी रोशनी डाली. पूर्व में धारणा थी कि जिला स्कूल में जिसका नामांकन होता था, वह समाज का बहुत मेधावी विद्यार्थी होते थे. हमारे विद्यार्थी एवं शिक्षक जिला स्कूल की उत्कृष्टता की दिशा में व्यापक रूप से कार्य करें. वे अन्य विद्यालयों के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करें. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि पढ़ाई को केवल परीक्षा तक सीमित न रखें, बल्कि ज्ञान को आत्मसात करें. उन्होंने समय के महत्व को पहचान का सुझाव दिया. कहा कि छात्र जीवन में मेहनत के माध्यम से चरित्र निर्माण और भविष्य निर्माण दोनों किया जा सकता है.
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा इस बात पर बल देते हैं कि हमें परीक्षा को एक अवसर की तरह देखना चाहिए. सफलता और असफलता के बहुत प्रभावित होने की जरूरत नहीं है, लगातार परिश्रम करने से सफलता मिलती है.