धनबाद(DHANBAD): पूरे देश में फिलहाल NDA Vs I N D I A और I N D I A Vs NDA की खूब चर्चा है. झारखंड की बात अगर हम करें तो झारखंड में भाजपा का महा जनसंपर्क अभियान खत्म हो गया है. चुनाव के लिए भाजपा के नेता सक्रिय हो गये है. आजीवन निधि राशि के रूप में जिन्हें जितना लक्ष्य दिया गया था, पूरा कर लिया गया है. अब कांग्रेस पार्टी इस अभियान में जुटी हुई है. 16 जुलाई से "भारत जोड़ो की बात, आम जनों के साथ" चला रही है. यह अभियान 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन खत्म होगा. सभी जिला अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पत्र जारी कर कहा गया है कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर के निर्देशानुसार सूचित करना है कि "भारत जोड़ों की बात, आम जनों के साथ" कार्यक्रम के दौरान जब आप कांग्रेस जनों ,प्रबुद्ध जनों एवं आम जनों से संपर्क करेंगे और अगर स्वेक्षा से कोई कांग्रेस पार्टी को आर्थिक सहयोग करना चाहे, तो संलग्न प्रदेश कांग्रेस के बारकोड के माध्यम से सहयोग का आग्रह कर सकते है.
आर्थिक सहयोग भी मांग रही है कांग्रेस
अगर पार्टी पदाधिकारी भी आर्थिक सहयोग करना चाहे तो कोड के माध्यम से कर सकते है. कांग्रेस के प्रचारित बैंक क्यूआर कोड में झारखंड से अब तक कितनी राशि जमा हुई है, इसका तो आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है, लेकिन धनबाद सहित झारखंड में कांग्रेसी लोगों से मिल रहे हैं,कांग्रेस नेताओ के साथ अपनी तस्वीर लगा पत्र दे रहे है. अपना फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नजर में खुद को गतिशील बता रहे है. खैर, यह तो हुई अभियान और भारत जोड़ों की बात. I N D I A Vs NDA की झारखंड में लड़ाई की बात की जाए तो 2019 का लोकसभा चुनाव भी गठबंधन में ही लड़ा गया था और वही गठबंधन इस बार भी I N D I A Vs NDA में होगा. इसकी पूरी संभावना है. मतलब एनडीए को जो परिणाम मिले और I N D I A को जो परिणाम मिले, उससे बेहतर करने के लिए दोनों को कड़ी मेहनत करनी होगी. झारखंड में कुल 14 लोकसभा सेट है.
झारखण्ड की पांच सीटों का परिणाम देखिये
इन 14 में 5 के परिणाम के बारे में अगर चर्चा की जाए तो धनबाद में भाजपा प्रत्याशी पशुपति नाथ सिंह चार लाख 86 हजार से भी अधिक मतों से चुनाव जीते थे. यहां कांग्रेस के प्रत्याशी कृति आजाद थे, जिन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा , राजद और मासस का समर्थन प्राप्त था. लेकिन इस बार मासस अलग ताल थोक रहा है. कृति आज़ाद को 341040 मत मिले थे. इसी प्रकार अगर राजमहल सीट की बात करें, जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार विजय कुमार हंसदा ने बीजेपी के उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को लगभग 99000 वोटों से हरा दिया था. विजय कुमार हांसदा को को 507830 मत मिले थे जबकि हेमलाल मुर्मू को 408635 वोट मिले थे. खूंटी की बात की जाए तो भाजपा के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. मात्र 1400 से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे. बीजेपी के अर्जुन मुंडा को 382638 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 381193 वोट मिले थे . दुमका की अगर बात की जाए तो भाजपा के सुनील सोरेन को 484923 मत मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी शिबू सोरेन को 437333 वोट मिले थे.
सिंहभूम सीट से कांग्रेस की गीता कोड़ा ने बाजी मारी थी
अगर सिंहभूम सीट की बात की जाए तो कांग्रेस के गीता कोड़ा को 431815 वोट मिले थे जबकि भाजपा के लक्ष्मण गिलुआ को 359660 मत मिले थे. 5 लोकसभा सीटों की विवेचना करने पर धनबाद से पशुपतिनाथ सिंह सर्वाधिक मत से विजई हुए थे. शायद झारखंड में सबसे अधिक मतों से पीएन सिंह जीते थे. कहने का मतलब यह है कि झारखंड में 2019 का चुनाव गठबंधन लड़ा था और 2024 का चुनाव की गठबंधन ही लड़ेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और आजसू साथ- साथ थे. बाद में विधानसभा चुनाव में खटास हुआ और अलग हो गए. इस बार फिर एनडीए में आजसू शामिल है. एनडीए को 12 सीटें मिली थी जबकि गठबंधन को 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था.2024 का परिणाम क्या होगा ,यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन पार्टिया अपने अपने ढंग से ताल ठोंक रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो