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झारखंड में पक्ष और विपक्ष में अवैध खनन को लेकर रार, FIR तो खूब होती है लेकिन रोकने के लिए नहीं,रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए,जानिए 

झारखंड में पक्ष और विपक्ष में अवैध खनन को लेकर रार, FIR तो खूब होती है लेकिन रोकने के लिए नहीं,रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए,जानिए 

धनबाद(DHANBAD): अवैध खनन का मामला एक बार फिर झारखंड में सुर्खियों में है .शनिवार को विधानसभा में यह मामला जोर-शोर से उठा. विपक्षी दलों के विधायक विधानसभा की विशेष कमेटी से अवैध खनन की जांच कराने की मांग पर अड़े रहे .जबकि सत्ता और विपक्ष के बीच हुई तकरार के मध्य में मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पिछली सरकार के 3 साल के कार्यकाल में 15784 करोड राजस्व मिला था. हमारी सरकार में 30949 करोड़ राजस्व खनन से मिला है. 2019 में कुल 379 एफ आई आर दर्ज की गई थी जबकि 2022 में कुल 1602 f.i.r. कराई गई है.

अवैध खनन के मामले को लेकर FIR तो होती है लेकिन कार्रवाई नहीं 

विपक्षी दलों का आरोप है कि केवल साहिबगंज में 1000 करोड़ का अवैध खनन किया गया है. पूरे झारखंड की बात की जाए तो 20000 करोड़ का अवैध खनन हुआ है और सरकार दावा कर रही है कि उसे अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है. अवैध खनन के मामले को लेकर एफ आई आर की बात की जाए तो कोयलांचल में f.i.r. तो होती हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती. कोयला चोरी में संलग्न शायद ही कोई गिरोह होगा, जिनके खिलाफ धनबाद के किसी न किसी थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी. बावजूद यह धंधा बंद नहीं होता है. हो सकता है कि इसी तरह का काम झारखंड के अन्य जिलों में भी होता हो. रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली जाती हो लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं होती हो.

टास्क फोर्स की बैठक में पिछले दिनों बीसीसीएल के अधिकारियों ने भी आरोप लगाया था कि थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है. तब उपायुक्त और एसएसपी को कहना पड़ा था कि आप निर्भीक होकर शिकायत करें प्राथमिकी भी दर्ज होगी ,कार्रवाई भी होगी और कोयला अधिकारियों को सुरक्षा भी मिलेगी. धनबाद में भी f.i.r. की संख्या कम नहीं है लेकिन जितनी होती है, उसे कई गुना ज्यादा रफ्तार में अवैध खनन के लिए मुहाने खोल लिए जाते हैं. चिटी माटा की तरह लोग मर रहे हैं फिर भी अवैध खनन करने वाले अपने काम पर कभी रोक लगने नहीं देते. निरोधात्मक एजेंसियां भी रोक लगाने में अपने को अक्षम साबित कर रही हैं.

बच्चू यादव पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाने के लिए भेजा गया है प्रस्ताव 

इधर, पता चला है कि साहिबगंज के बच्चू यादव पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाने का जिला प्रशासन ने प्रस्ताव दिया है. 1000 करोड़ के अवैध खनन में दर्ज केस में आरोपी बच्चू यादव के खिलाफ जिला प्रशासन ने क्राइम कंट्रोल एक्ट के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है. इसकी पुष्टि अधिकारी करते हैं. ईडी ने अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल जुलाई महीने में एक साथ 16 ठिकानों पर छापे मारे थे. ईडी ने बच्चू यादव को समन भेजकर पूछताछ के लिए रांची जोनल कार्यालय बुलाया था. पूछताछ के क्रम में उसे गिरफ्तार कर लिया. तबसे बच्चू यादव न्यायिक हिरासत में है. पता  चला है कि डीसी स्तर से भेजे गए प्रस्ताव पर अब तक मुहर नहीं लगी है. गृह विभाग की स्वीकृति के बाद मामला  एडवाइजरी बोर्ड में जाएगा. एडवाइजरी बोर्ड में मुहर लगने के बाद न्यायिक हिरासत में बच्चू यादव को चिट्ठी दे दी जाएगी. यही प्रक्रिया भी है. क्राइम कंट्रोल एक्ट उन्हीं लोग पर लगाया जाता है ,जो न्यायिक हिरासत में होते है.

क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत कार्रवाई

धनबाद में भी रंगदारी के लिए फायरिंग करने वाले गैंग के लोगों को चिन्हित कर क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत कार्रवाई करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इसके लिए प्रिंस खान और अमन सिंह के गुर्गों की सूची तैयार की जा रही है. जिन पर दो या दो से अधिक मुकदमे होंगे, उनके खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. वैसे प्रिंस खान और अमन सिंह के लोग धनबाद पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं. लगातार फायरिंग और धमकी का सिलसिला से पुलिस भी अब अजिज आ गई है. उसने भी अपने तेवर बदले हैं. अब देखना है आगे होता है क्या.

रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह 

Published at:19 Mar 2023 12:02 PM (IST)
Tags:jharkhand deoghar there is a lot of FIR in favor and opposition regarding illegal mining
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