धनबाद (DHANBAD) : झारखंड में अभी से ही 2024 की राजनीतिक तपिश महसूस की जाने लगी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा भी हमलावर है तो भाजपा के नेता भी कहीं पीछे नहीं है. अभी से ही तीखे बाण चल रहे हैं, आगे क्या होगा, यह तो देखने वाली बात होगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोडरमा में थे. यहां उन्होंने खतियान जोहर यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र में भाजपा को घेरा, कहा कि इन्हें पहले महंगाई डायन लगती थी, सड़क पर कूदकर छाती फाड़ कर चिल्लाती रहती थी कि महंगाई आसमान छू रही है तो क्या अभी महंगाई जमीन छू रही है. क्या अब महंगाई इनको डायन नहीं, भौजाई नजर आ रही है. यहां मुख्यमंत्री ने 40 वर्षों बाद फिर ढिबरा डंप कार्य को शुरू कराया.
जरूरी है पहचान
मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खतियान जोहार यात्रा का मतलब अपनी पहचान है. हमारे झारखंडी होने की पहचान जरूरी है. अब तक हम लोगों को लड़ाकर हमारे अधिकार से वंचित किया जाता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि अलग राज्य बने 20 वर्ष हो गए. 20 वर्ष में 18 वर्ष से ज्यादा समय तक भाजपा ने राज किया. लेकिन झारखंडियो को पहचान नहीं दिला सकी. भाजपा ने सिर्फ जाति धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाया है, और अभी भी लड़ा रही है, पर हमारी सरकार ने झारखंड के लिए खतियान आधारित पहचान दिलाने का काम किया है. इधर, रेल राज्य मंत्री मंगलवार को पाकुड़ में थे. वह राजमहल लोकसभा सीट जीतने के लिए कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया. इधर झारखंड के पहले मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है कि भ्रष्टाचार की रेत में झारखंड स्वास्थ्य सुविधा फस गई है. पहिया को धक्का लगाने को मजबूर है जनता. मातृशक्ति कभी खाट पर ,कभी पैदल तो कभी सड़कों पर ही बच्चा जनने को मजबूर है. इस दुर्दशा पर भी सरकार सोई हुई है. मतलब भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा धीरे-धीरे चुनाव मोड में जा रहे हैं, कांग्रेस भी पीछे नहीं है .झारखंड में गठबंधन की सरकार चल रही है. इस सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा ,कॉन्ग्रेस और राजद शामिल है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद