धनबाद(DHANBAD): धनबाद में किसी को धमकाने, किसी के हाथ से कोई भी काम छीन लेने या अन्य किसी वजह से फायरिंग करना अथवा करा देना चुटकी का खेल हो गया है. कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता है, जब फायरिंग की घटनाएं नहीं होती. कुछ फायरिंग तो रंगदारी के लिए की जाती है तो कुछ फायरिंग धमकाने के लिए. यही वजह है कि धनबाद मुंगेरिया हथियारों का ठिकाना बनता जा रहा है. इन ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की जरूरत है. लेकिन यह कार्रवाई कब होगी, कैसे होगी, कौन करेगा ,इसकी कोई रूपरेखा तय नहीं हुई है.
गुरुवार की रात फिर हुई फायरिंग
धनबाद के जोड़ा पोखर में गुरुवार की रात फिर फायरिंग हो गई. यह घटना रात 10 बजे के बाद की बताई गई है. शालीमार निवासी रामबचन सिंह के बेटे और जनता मजदूर संघ कुंती गुट के मेंबर शंकर सिंह पर गुरुवार की देर रात कई राउंड फायरिंग की गई. शंकर सिंह घर में घुसकर जान बचाने को विवश हो गए. घटना की सूचना पर परिजन बाहर निकले तब हमलावर भाग खड़े हुए. घटनास्थल से पुलिस ने दो जिंदा गोली और एक खोखा बरामद किया है. पास से एक मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है. शंकर सिंह की मानें तो गुरुवार की रात 10:30 बजे वह अपने घर पर थे. तभी विनोद नामक एक युवक घर के पास आकर मोबाइल पर फोन किया और बाहर बुलाया. ज्यों ही वह बगल की गली में पहुंचे तो अचानक फायरिंग शुरू हो गई. शंकर के अनुसार वह एक आउटसोर्सिंग कंपनी में काम करते है. काम छुड़वाने के लिए गोली चलवाई गई है. वैसे पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बता दें कि बीसीसीएल में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी में अधिकारी के रूप में मुखौटा रखने का प्रचलन है. कोई विवाद होने पर सुलझाने की उनकी जिम्मेदारी होती है. इस पद के लिए इलाके के दबंग लोगों को चुना जाता है. मन की बात नहीं होने पर या रंगदारी नहीं मिलने पर पदधारी पर फायरिंग करा दी जाती है. ताकि उनकी मांगे पूरी हो सके. गोधर में अभी हाल ही में इस तरह की घटना हुई थी. हालांकि इस घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लेने का पुलिस ने दावा किया था. शालीमार की फायरिंग भी इसीलिए कराई गई है या नहीं इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो