धनबाद (DHANBAD) : जीरो बैलेंस वाले बैंक खाते अगर आपके पास है तो ,जान लिए आपको कौन -कौन सी सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी. आरबीआई ने जीरो बैलेंस वाले बुनियादी बचत खाते के लिए मुफ्त सुविधाओं में इजाफा किया है. अब एटीएम कार्ड पर कोई वार्षिक शुल्क नहीं लगेगा. इसे जारी करने और नवीनीकरण पर भी शुल्क नहीं लिया जा सकेगा. साथ ही इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा भी मुफ्त मिलेगी.
आरबीआई ने हाल ही में संशोधन निर्देश जारी किए हैं, जो सभी व्यावसायिक बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों पर लागू होंगे. बताया जाता है कि आरबीआई ने बदलाव का निर्णय पहली अक्टूबर 2025 को लिया था और नियमों का मसौदा जारी किया था. इन पर जनता और विभिन्न हितधारकों से मिले सुझावों की समीक्षा के बाद नए नियम जारी किए गए है.
नए निर्देशों के अनुसार, बुनियादी खाते में सभी सुविधाएं ग्राहक की मांग पर उपलब्ध होंगी. ग्राहक तभी यह सुविधाएं लेगा, जब वह खुद चाहेगा और बैंक उसे किसी तरह मजबूर नहीं कर सकते. खाते के संचालन के लिए न्यूनतम जमा या अन्य शर्तें भी नहीं लगा सकते.
पुराने ग्राहकों पर असर-जिन ग्राहकों के पास पहले से बुनियादी बचत खाता है, उन्हें नई सुविधाएं पाने के लिए बैंक से अनुरोध करना होगा. बुनियादी बचत खुलवाने के लिए ग्राहक का किसी और बैंक में यह खाता नहीं होना चाहिए. अगर किसी के पास सामान्य बचत खाता है तो वह इसे बुनियादी खाते में तब्दील करवा सकता है, इसके लिए बैंक से अनुरोध करना होगा. सामान्य बचत खाते को बुनियादी में तब्दील करने की प्रक्रिया बैंकों को सात दिन में पूरी करनी होगी.
ये सुविधाएं मुफ्त मिलेंगी-एटीएम या डेबिट कार्ड पर कोई सालाना शुल्क नहीं वसूला जाएगा. साल में कम से कम 25 पन्नों की चेकबुक बिल्कुल मुफ्त मिलेगी. इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और मुफ्त पासबुक/मासिक विवरण भी उपलब्ध होगा. ग्राहक हर महीने कम से कम चार बार एटीएम से मुफ्त नकद निकासी कर सकेंगे. डिजिटल लेनदेन इन चार मु्फ्त निकासी की सीमा में नहीं गिने जाएंगे. महीने में कितनी भी बार पैसा जमा करने पर कोई रोक नहीं होगी.
क्या पहुंच रही थी शिकायतें ---दरअसल , कई बैंकों में बुनियादी बचत खाता खोलने में परेशानी खड़ी होने, सुविधाओं की सीमा तय करने, अतिरिक्त शुल्क लगाने या डिजिटल सेवाओं को सीमित करने की शिकायतें आरबीआई तक पहुंच रही थी. ग्राहक संगठनों ने इन प्रतिबंधों को नियमों के खिलाफ बताया था. केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह खाता बैंकिंग सेवाओं का आधार है, जो आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ता है.
बैंकों के कई सुझाव खारिज ---. बैंकों ने सुझाव दिया था कि बुनियादी बचत खाता खोलने के लिए ग्राहकों की आय या प्रोफाइल के आधार पर शर्तें तय हों, जिसे आरबीआई ने खारिज कर दिया. इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग पर रोक लगाने का सुझाव था, जो मंजूर नहीं हुआ. हालांकि, नाबालिगों के खातों में कुछ सीमाएं लगाने के सुझाव को आरबीआई ने स्वीकार कर लिया है.
