Tnp desk:- झारखंड हाईकोर्ट ने पारिवारिक विवाद से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. दरअसल, न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक विवाद के मामले में पति के रिश्तेदारों को केस में फंसाने की प्रवृति बढ़ रही है.
दरअसल दहेज की मांग के लिए मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक पत्नी ने अपने पति और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ गढ़वा जिले में प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. जिसपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने संज्ञान लिया था. इस संज्ञान और पूरी आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने के लिए पति के रिश्तेदारों नीरज कुमार, उमेश कुमार और शिवा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी के खिलाफ आपराधिक कर्रवाई निरस्त करने का आदेश दिया है.हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सामान्य आरोप लगाये गये हैं. अदालत ने माना कि पत्नी ने पति और उसके माता-पिता के खिलाफ मानसिक रूप से परेशान और दहेज की मांग करने का आरोप लगाया था. लेकिन याचिकाकर्ताओं में से किसी को भी उनके खिलाफ लगाये गये सामान्य आरोप को आगे बढ़ाने में कोई विशिष्ट भूमिका नहीं दी गयी.