Tnp desk:- अभी सबसे ज्यादा चर्चा राज्य में ईडी की दबिश की है. जांच एजेंसी का खौफ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ इस कदर पसरा है कि जो जालसाज औऱ काले कारनामे करने वाले ही जानते हैं. साहिबगंज के चर्चित 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले को लेकर लगातार जांच एजेंसी की दबिश जारी है. घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक आरोपी दाहू यादव तो फरार है. लेकिन, उसके बेटे राहुल यादव ने सरेंडर कर दिया है.
राहुल यादव ने किया सरेंडर
राहुल ने ईडी के विशेष न्यायधीश पी.के शर्मा की अदालत में हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में सरेंडर किया. आत्मसमर्पण के बाद राहुल यादव के वकील अनिल कुमार सिंह महराणा ने अदालत से कहा कि राहुल ईडी के पास पूछताछ औऱ खनन जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. अदलात ने उनका पक्ष सुनने के बाद 5 जनवरी तक के लिए बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा, होटवार भेज दिया है. ईडी ने अवैध खनन से जुड़े मामले को लेकर पांच बार समन भेजा था. बार-बार समन को तरजीह नहीं देने पर ईडी ने कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट लिया. राहुल गिरफ्तारी वारंट को रद्द कराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट पहुंचा. तब जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने निचली अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया था.
दाहू को पकड़ने के लिए 100 से ज्यादा छापेमारी
अवैध खनन का माफिया औऱ आत्मसमर्पण करने वाले राहुल के पिता दाहू यादव को पक़ड़ने के लिए 100 से ज्यादा बार छापेमारी की गई. अभी तक आंख-मिचौली का खेल दाहु खेल रहा है. खबरें आती है कि पहाड़-पहाड़ घूमकर दाहू यादव खुद को बचा रहा है. कुख्यात दाहू के खिलाफ ईडी की अदालत में चार्जशीट फाइल कर चुकी है. बावजूद कोई सुगबुगाहट या फिक्र दाहू की तरफ से नहीं देखी गई. मानो उसके लिए कायदे-कानून कठपुतली बन गई है. साहबेजगंज के अवैध खनन घोटाले में नाम आने के बाद दाहू याद सुर्खियों में आया. लेकिन, दाहू का पहले से ही अपराधिक इतिहास रहा है.
दाहू यादव पर दर्ज हैं दर्जनों मामले
सिर्फ पत्थर खनन ही नहीं, बल्कि हत्या-अपहरण, लूटपाट और रंगदारी वसूली के दो दर्जन से भी ज्यादा आपराधिक मामले में कुख्यात दाहू यादव का नाम आया है. ईडी ने जो 30 करोड़ का मालवाहक जहाज जब्त किया था. वो दाहू यादव का ही बताया जाता है. जिसके जरिए बालू, पत्थर को साहिबगंज से गंगा नदी के रास्ते बिहार और बंगाल भेजा जाता था. साहिबगंज के शोभनपुर भट्टा गांव का रहने वाला दाहू यादव तकरीबन एक हजार करोड़ के अवैध माइनिंग घोटाले का सबसे बड़ा सरगना है.