धनबाद(DHANBAD): झारखंड के साहिबगंज में पुलिस ने फिर 13 लाख से अधिक के अवैध लॉटरी टिकट की बरामदगी की है. इसके पहले भी साहिबगंज से लॉटरी के टिकट बरामद किए गए थे. राजमहल थाना क्षेत्र से कई माह पहले लगभग ₹20लाख के अवैध लॉटरी टिकट बरामद किए गए थे. मतलब साफ है कि अवैध लॉटरी का टिकट खुलेआम बिक रहे है. अवैध टिकट की बिक्री तो धनबाद कोयलांचल में भी हो रही है और इसके लिए अलग-अलग गैंग बने हुए है. जो अवैध लॉटरी का धंधा कर रहे है. भोले-भाले लोग इनके शिकार हो रहे है. मतलब झारखंड के जामताड़ा से शुरू हुआ साइबर क्राइम पूरे देश में दिख रहा है लेकिन अवैध लॉटरी बेचने वाले का खुलासा तभी होता है, जब पुलिस छापेमारी कर टिकट बरामद करती है.
नागालैंड और बंगाल से तार जुड़ने की चर्चा
कहा जाता है कि अवैध लॉटरी बेचने वालों के तार नागालैंड और बंगाल से जुड़े हुए है. सवाल यह उठता है कि सरकार अगर अभी गंभीर नहीं हुई तो लॉटरी संचालक लोगों को दोनों हाथों से लुटेंगे और लूट भी रहे है. यह बात भी सच है कि बिना पुलिस की जानकारी में यह सब धंधा चल नहीं सकता है. झारखंड में टिकट बेचने वालों का नेटवर्क सभी जिलों में फैला हुआ है. बकायदे इसके लिए एजेंट नियुक्त किए गए है. एजेंट घूम घूम कर टिकट बेचते हैं और अवैध टिकट खरीदने वालों को लत लगाते है.
पहले लत लगवाते है फिर कमाई करते है
उसके बाद तो वह खुद बेचने वाले को ढूंढने लगते है. इस धंधे में अच्छी कमाई है. धनबाद कोयलांचल में कोलियरी क्षेत्रों सहित अन्य इलाकों में अवैध लॉटरी के टिकट की खूब बिक्री हो रही है. धनबाद शहरी इलाकों में तो नहीं दिखता लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसका संगठित गिरोह काम करता है. जिस तरह झारखंड के जामताड़ा से शुरू हुआ साइबर अपराध पूरे देश के लिए आज चुनौती बन गया है, उसी तरह संथाल परगना के कुछ इलाकों से शुरू हुआ यह अवैध लॉटरी का धंधा पूरे राज्य में फैल गया है. अगर इसे अभी समय रहते ही नहीं खत्म किया गया तो आगे बड़ी समस्या बन सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो