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अगर आपके बच्चे पब्लिक स्कूलों में पढ़ते हैं तो क्यों रखना चाहिए घर के बजट पर ध्यान,पढ़िए इस रिपोर्ट में

अगर आपके बच्चे पब्लिक स्कूलों में पढ़ते हैं तो क्यों रखना चाहिए घर के बजट पर ध्यान,पढ़िए इस रिपोर्ट में

धनबाद(DHANBAD): अगर आपके बच्चे पब्लिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं, तो बजट पर ध्यान बनाए रखिए.आपकी जेब पर और बोझ बढ़ने वाली है. स्कूल फीस के बाद अब पुस्तकों की कीमत भी बढ़ने वाली है. इसकी सूचना स्कूल मैनेजमेंट की ओर से आपको जल्द ही भेज दी जाएगी. बता दें कि 2 वर्ष बाद सत्र 2025-26 से स्कूलों ने मंथली फीस 7 से 10% की वृद्धि की है. अब किताब, कॉपी व स्टेशनरी की कीमतों में भी बढ़ोतरी की कवायत शुरू कर दी गई है. पिछले सत्र के मुकाबले किताब और स्टेशनरी में आपको अधिक देने पड़ सकते हैं. नए सत्र की किताबों के लिए स्कूलों में नई बुक लिस्ट पर मंथन शुरू कर दिया गया है. किताब दुकानदार और पुस्तक प्रकाशकों ने स्कूलों की भाग दौड़ शुरू कर दी है. प्रकाशक स्कूल मैनेजमेंट को अपनी पुस्तकों का फायदा बात कर किताब सूची में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

नए सत्र से किताब कॉपी और महंगी 

आईसीएसई स्कूलों में नया सत्र मार्च से और सीबीएसई स्कूलों में नया सत्र अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होगा. इसके पहले सभी तैयारी कर अभिभावकों को सूचना दे दी जाएगी. एक अनुमान के अनुसार प्री प्राइमरी की किताबें 3 से ₹4000 में खरीदने होंगे. क्लास 2 से पांचवी तक की पुस्तकों के लिए 5 से 7000 रुपए देने होंगे. कक्षा 6 से दसवीं तक की किताबों के लिए 7 से 8000 रुपए तैयार रखने होंगे. यहां यह बताना भी जरूरी है कि कई ख्याति प्राप्त स्कूलों की किताबें स्पेसिफिक दुकानों पर ही मिलती है. अभिभावकों को किताब के साथ-साथ अधिक कीमत वाली कॉपी भी लेनी पड़ती है. या यूं कहिए कि ऐसी स्थिति पैदा कर दी जाती है कि अभिभावकों को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है .यह बात भी सच है कि किताब दुकानदारों, प्रकाशकों सहित स्कूल के गठजोड़  के कारण ऐसा सब कुछ होता है. अभिभावकों को एनसीईआरटी की किताबों के साथ-साथ निजी प्रकाशकों की किताबों को खरीदने के लिए विवश किया जाता है. यह अलग बात है कि धनबाद जिले में सशक्त अभिभावक संघ है. अभिभावक संघ लगातार इसका विरोध करता है .बावजूद अभिभावकों को कोई बड़ी राहत नहीं मिलती है .पहले से ही स्कूल फीस में वृद्धि हुई है. अब किताब कॉपी के लिए भी अधिक भुगतान करना होगा. सरकार भी यह सब जानती है. शिक्षा मंत्री भी सब जानते होंगे. बावजूद गठजोड़ की मनमानी के से अभिभावकों को राहत नहीं मिल पाता है. वैसे मार्च के अंतिम सप्ताह तक इस तरह की चर्चा खूब रहेगी और आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहेगा. झारखंड के नए शिक्षा मंत्री की ओर फिलहाल अभिभावकों की टकटकी है.देखना होगा कि कुछ बदलता है या सबकुछ पुराने ढंग से ही चलता रहेगा.

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो 

Published at:14 Feb 2025 02:50 PM (IST)
Tags:Jharkhand news Ranchi newschildren study in public schoolsPublic school feeBook price increase School ManagementNew session school admission New session school fee will increase
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